Source: First India
Dated: Nov 22, 2024
Rajasthan govt has decided to present its case in Delhi Court to safeguard Bikaner House. AG Shivmangal Sharma has summoned all files from Rajasthan for sub- mission in court. Govt plans to present its stance to ensure security of Bikaner House. It is noteworthy that Patiala Court had issued at- tachment warrants in case. ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Nov 22, 2024
अब कुर्की वारंट जारी होने पर राज्य सरकार ने पैरवी की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट में एएजी शिवमंगल शर्मा को दी है। एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि वाणिज्यिक कोर्ट ने राज्य सरकार का पक्ष सुने बिना ही कुर्की आदेश व वारंट जारी किए हैं जो गलत है। कोर्ट के इन आदेशों पर पुनर्विचार के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की जाएगी। जरूरी होने पर हाईकोर्ट में भी कुर्की आदेश पर रोक के लिए जाने की प्रक्रिया की जाएगी। इस मामले में सुनवाई 29 नवंबर को है। ... Read More
Source:
News1Rajasthan
Dated: Nov 22, 2024
Source: Sach Bedhadak
Dated: Nov 21, 2024
#Jaipur: बीकानेर हाऊस कुर्की आदेश को लेकर बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) November 21, 2024
राजस्थान सरकार ने मामले की गंभीरता के चलते लिया निर्णय, सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता को दी मामले की जिम्मेदारी...#SupremeCourtofIndia #SachBedhadak pic.twitter.com/W6BHYfl4bN
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Nov 21, 2024
Source: Patrika
Dated: Nov 22, 2024
एनवायरो इंफ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड ने करीब 13 साल पहले कार्य किया था, जिसका भुगतान नहीं होने पर मामला कॉमर्शियल कोर्ट पहुंचा था। इस मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि कॉर्मिशयल कोर्ट ने सरकार का पक्ष सुने बिना सितम्बर में कुर्की का इकतरफा आदेश दिया। ... Read More
Source: जनता से रिश्ता
Dated: Nov 21, 2024
सरकार ने कहा- जांच प्रभावित होगी: 30 अगस्त को हाई कोर्ट से डॉ. ज्योति बंसल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। मामले में राज्य सरकार ने हलफनामा दाखिल कर याचिका का विरोध किया. अपर महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि जमानत देने से जांच प्रभावित होगी. याचिकाकर्ता ने मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है. ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Nov 21, 2024
दिल्ली में राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया- कॉमर्शियल कोर्ट ने बिना सरकार का पक्ष सुने सितंबर में एकतरफा कुर्की आदेश जारी किया था। आदेश की जानकारी सामने आने के बाद सरकार ने तुरंत प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा- हम पहले कॉमर्शियल कोर्ट में रिकॉल एप्लिकेशन दायर करके सरकार का पक्ष सुनने का आग्रह करेंगे। इस मामले में जिन अधिकारियों द्वारा लापरवाही बरती गई है। उनकी जवाबदेही सुरक्षित करने के लिए भी सरकार मामले की जांच करवाएगी। ... Read More
Source: Babushahi
Dated: Nov 20, 2024
The murder was premeditated and stemmed from longstanding enmity and rivalry over village politics, the prosecution alleged.However, the accused claimed innocence. The Additional Advocate General of Rajasthan, Shiv Mangal Sharma, appearing for the State, strongly opposed these arguments. The argument of the complainant was advanced by advocate Rupesh Kumar. (ANI) ... Read More
Source: Samachar Nama
Dated: Nov 21, 2024
30 अगस्त को हाई कोर्ट से डॉ. ज्योति बंसल की अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। मामले में राज्य सरकार ने हलफनामा दाखिल कर याचिका का विरोध किया. अपर महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि जमानत देने से जांच प्रभावित होगी. याचिकाकर्ता ने मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है. ... Read More
Source: NDTV
Dated: Nov 21, 2024
The Rajasthan government said it has asked Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma to ensure everything possible is done to save the property. It faulted a previous officer for "laxity", leading to the situation. It said crucial steps required to protect the state's assets were not taken in a timely manner. ... Read More
Source: The India Moves
Dated: Nov 20, 2024
सर्वोच्च न्यायालय ने आरोपियों की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय ने आरोप पत्र में प्रस्तुत साक्ष्यों की उचित जांच नहीं की और अपराध की गंभीरता को नजरअंदाज किया। पीठ ने कहा कि इस सुनियोजित साजिश और क्रूर अपराध में आरोपियों की सक्रिय भागीदारी जमानत रद्द करने के लिए पर्याप्त आधार है। उच्च न्यायालय ने राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा और शिकायतकर्ता रूपेश कुमार की दलीलों को स्वीकार करते हुए जमानत रद्द कर दी। न्यायालय ने आदेश दिया कि तीनों आरोपी सत्यप्रकाश, अभिमन्यु और जयवीर को तुरंत जेल अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करना चाहिए। ... Read More
Source: Raj Daily News
Dated: Nov 21, 2024
डॉ ज्योति बंसल की अग्रिम जमानत याचिका 30 अगस्त को हाई कोर्ट से खारिज़ होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। मामले में राज्य सरकार ने शपथ पत्र पेश कर याचिका का विरोध किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि जमानत दिए जाने से जांच प्रभावित होगी। याचिकाकर्ता ने मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है। मार्च में एसीबी ने कार्रवाई की थी एसीबी ने एसएमएस हॉस्पिटल में 31 मार्च 2024 को सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथों पकड़ा था। टीम ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी भी जब्त की थी। कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया था। ... Read More
Source: Janmanas Shekhawati
Dated: Nov 21, 2024
डॉक्टर ज्योति बंसल की अग्रिम जमानत याचिका 30 अगस्त को हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। मामले में राज्य सरकार ने शपथ पत्र पेश कर याचिका का विरोध किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि जमानत दिए जाने से जांच प्रभावित होगी। याचिकाकर्ता ने मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है। ... Read More
Source: Punjab Kesari
Dated: Nov 20, 2024
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि हत्या की साजिश रचने और उसे वित्तपोषित करने के लिए आरोपियों ने कई मौकों पर मुलाकात की, एक अन्य साथी के माध्यम से शूटरों के लिए चोरी की मोटरसाइकिल का प्रबंध किया और व्हाट्सएप का उपयोग करके हमले का समन्वय किया, जिसमें जयवीर मृतक के स्थान के बारे में लाइव अपडेट प्रदान करता था। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि हत्या पूर्व नियोजित थी और गांव की राजनीति को लेकर लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी और प्रतिद्वंद्विता से उपजी थी। हालांकि, आरोपी ने खुद को निर्दोष बताया। राज्य की ओर से पेश हुए राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने इन दलीलों का कड़ा विरोध किया। शिकायतकर्ता की दलील अधिवक्ता रूपेश कुमार ने पेश की। ... Read More
Source: Devdiscourse
Dated: Nov 20, 2024
The case dates back to May 31, 2023, when Dinesh Kumar, a former Sarpanch, was shot while working on his farm. The prosecution asserts that the accused hired shooters via a well-coordinated conspiracy involving meetings and financial arrangements, with the attack executed using a stolen motorcycle and communication through WhatsApp. The murder is alleged to have been motivated by political hostility, although the accused maintain their innocence. Contesting these claims were the Additional Advocate General of Rajasthan, Shiv Mangal Sharma, and advocate Rupesh Kumar on behalf of the complainant. (ANI) ... Read More
Source: Reveal Inside
Dated: Nov 20, 2024
Legal Representation The State's case was represented by Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, while advocate Rupesh Kumar argued on behalf of the complainant. ... Read More
Source: ANI News
Dated: Nov 20, 2024
The Additional Advocate General of Rajasthan, Shiv Mangal Sharma, appearing for the State, strongly opposed these arguments. The argument of the complainant was advanced by advocate Rupesh Kumar. (ANI) ... Read More
Source: Times of India
Dated: Nov 20, 2024
The apex court emphasised the need for judicial scrutiny in cases involving serious offences and organised crime. "The accused is charged with active involvement in coordinating with brokers for arranging illegal transplants, financial transactions with co-accused linked to preparation of forged documents and participation in a network that lured foreign nationals for organ transplants against the law," additional advocate general (AAG) Shiv Mangal Sharma told the court as he opposed the bail plea. ... Read More
Source: Janta Se Rishta
Dated: Nov 20, 2024
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि हत्या की साजिश रचने और उसे वित्तपोषित करने के लिए आरोपियों ने कई मौकों पर मुलाकात की, एक अन्य साथी के माध्यम से शूटरों के लिए चोरी की मोटरसाइकिल का प्रबंध किया और व्हाट्सएप का उपयोग करके हमले का समन्वय किया, जिसमें जयवीर मृतक के स्थान के बारे में लाइव अपडेट प्रदान करता था। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि हत्या पूर्व नियोजित थी और गांव की राजनीति को लेकर लंबे समय से चली आ रही दुश्मनी और प्रतिद्वंद्विता से उपजी थी। हालांकि, आरोपी ने खुद को निर्दोष बताया। राज्य की ओर से पेश हुए राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने इन दलीलों का कड़ा विरोध किया। शिकायतकर्ता की दलील अधिवक्ता रूपेश कुमार ने पेश की। (एएनआई) ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Nov 20, 2024
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने अपराध की गंभीरता और आरोप पत्र में पेश साक्ष्यों को देखे बिना अपराध होने के एक साल के भीतर आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया। आरोप पत्र में तीनों आरोपियों पर हत्या की योजना बनाने और आपराधिक षड्यंत्र में स्पष्ट भूमिका बताई गई थी। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त किया जाए। वहीं आरोपियों की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है। वे सिर्फ घटना स्थल पर मौजूद थे। वहीं उनसे बरामद हथियार की एफएसएल रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। इसके अलावा उन्हें मिली जमानत को रद्द करने के बजाए उन पर अतिरिक्त शर्तें लगाई जा सकती है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को मिली जमानत को रद्द करते हुए आरोपियों को सरेंडर करने को कहा है। ... Read More
#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट ने की पूर्व सरपंच की हत्या के तीन आरोपियों की जमानत रद्द #RajasthanHighCourt #SachBedhadak #SupremeCourt #Delhi #RajasthanNews pic.twitter.com/MQv7ZasRth
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) November 20, 2024
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Nov 20, 2024
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Nov 20, 2024
जमानत रद्द करने का पर्याप्त आधार मामले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि शूटर यशपाल और सचिन ने चोरी की मोटरसाइकिल की व्यवस्था कर खेत में हल चला रहे दिनेश कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सत्यप्रकाश उर्फ सत्य, अभिमन्यु उर्फ मिंटू और जयवीर ने राजनीतिक रंजिश के कारण शार्प शूटरों को 23 हजार रुपए देकर यह हत्या करवाई थी। ... Read More
Source: NDTV
Dated: Nov 20, 2024
राजस्थान राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने इन तर्कों का कड़ा विरोध किया. उन्होंने यह जोर दिया कि उच्च न्यायालय ने अपराध की गंभीरता और आरोप पत्र में प्रस्तुत सबूतों को ध्यान में लिए बिना अपराध के एक वर्ष के भीतर जमानत दे दी. आरोप पत्र में आरोपियों की हत्या की योजना बनाने, वित्तपोषण और उसे अंजाम देने में सक्रिय भूमिका को स्पष्ट रूप से दिखाया गया था. उच्च न्यायालय ने इस प्रकार के जघन्य मामले में जमानत देने के लिए कोई वैध कारण नहीं बताया. ... Read More
Source: ETV Bharat Rajasthan
Dated: Nov 20, 2024
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने अदालत को बताया कि हाईकोर्ट ने अपराध की गंभीरता और आरोप पत्र में पेश साक्ष्यों को देखे बिना अपराध होने के एक साल के भीतर आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया. आरोप पत्र में तीनों आरोपियों पर हत्या की योजना बनाने और आपराधिक षड्यंत्र में स्पष्ट भूमिका बताई गई थी. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त किया जाए. वहीं, आरोपियों की ओर से कहा गया कि उसे प्रकरण में फंसाया गया है, वे सिर्फ घटना स्थल पर मौजूद थे. वहीं, उनसे बरामद हथियार की एफएसएल रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. इसके अलावा उन्हें मिली जमानत को रद्द करने के बजाए उन पर अतिरिक्त शर्तें लगाई जा सकती हैं. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को मिली जमानत को रद्द करते हुए आरोपियों को सरेंडर करने को कहा है. ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Nov 20, 2024
डॉक्टर ज्योति बंसल की अग्रिम जमानत याचिका 30 अगस्त को हाईकोर्ट से खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी। मामले में राज्य सरकार ने शपथ पत्र पेश कर याचिका का विरोध किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि जमानत दिए जाने से जांच प्रभावित होगी। याचिकाकर्ता ने मामले में सक्रिय भूमिका निभाई है। ... Read More
Source: दैनिक नवज्योति
Dated: Nov 15, 2024
राज्य सरकार ने आरोपी को जमानत देने वाला आदेश वापस लेकर उसे निरस्त करने का आग्रह किया है। राज्य के एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ राजस्थान गोवंश अधिनियम और पशु कुरता अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज हैं। उस पर यूपी में भी गिरोह से संबंधित आरोप हैं।
Source: Bharat 24
Dated: Nov 14, 2024
Source: Times of India
Dated: Nov 15, 2024
The move has come after the new BJP govt decided on Sept 27 to let the Delhi police contin ue with the ongoing in- vestigation in the case. Legal experts have said that this could be a decision by Lokesh to turn approver in the case. In his plea before the HC, Lokesh has requested to with draw his petition to quash the FIR."The FIR was filed by the Gajendra Singh against Lokesh and others when some audio clips claiming to be telephonic conversations of Shekhawat were leaked allegedly by Lo- kesh to the media," said AAG Shiv Mangal Sharma to TOI.
Source: Press Reader
Dated: Nov 14, 2024
Former chief minister Ashok Gehlot’s officer-on-special-duty (OSD) Lokesh Sharma, on Thursday, withdrew his petition in Delhi high court that sought to quash the FIR registered by Union minister Gajendra Singh Shekhawat against him in connection to the illegalphone-tapping case. Additional advocate general Shiv Mangal Sharma said, “Sharma has withdrawn the petition to quash the FIR in Delhi high court that was registered by Shekhawat in March 2021. This will pave the way for Delhi police’s further investigation and actions into the case. ... Read More
Source: Free Press Journal
Dated: Nov 15, 2024
The Rajasthan government has filed an application in the Supreme Court, requesting the cancellation of bail granted to Najim Khan, an accused in a bovine-related offense. Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma Said that the Supreme Court had granted bail to Najim Khan on October 21, 2024, due to an absence of representation from the Rajasthan government. ... Read More
Source: Mahanagar Times
Dated: Nov 14, 2024
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से जुड़े फोन टेपिंग मामले में अब नया मोड़ देखने को मिला है। जब लोकश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट में एफआईआर खारिज करने की अपनी याचिका वापस ले ली। यह फैसला राजस्थान सरकार के बदले हुए रुख के बाद आया, जिसे पिछले सुनवाई की तारीख 27 सितंबर 2024 को अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया था। उन्होंने घोषणा की कि राज्य को दिल्ली पुलिस द्वारा मामले की जांच जारी रखने पर कोई आपत्ति नहीं है। ... Read More
Source: Spot Now
Dated: Nov 14, 2024
राज्य सरकार ने हार्डकोर गो तस्कर नाजिम खान को दी गई जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। याचिका दायर करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि पिछली सुनवाई के दौरान सरकारी वकील का उपस्थित न होना एक प्रक्रियात्मक चूक थी। जिससे महत्वपूर्ण तथ्य अदालत के सामने नहीं आ सके। राज्य सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार करने की अपील की है। ताकि आरोपी के आपराधिक इतिहास को सही ढंग से प्रस्तुत किया जा सके और जमानत का निर्णय फिर से विचाराधीन हो सके। ... Read More
Source: NDTV
Dated: Nov 14, 2024
राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने गौवंश मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से 'आदतन अपराधी' की जमानत रद्द करने की गुहार लगाई है. अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने गौवंश परिवहन और पशु क्रूरता मामले में आरोपी नजीम खान की जमानत आदेश को वापस लेने की याचिका दाखिल की है. राजस्थान सरकार ने एक प्रमुख गौवंश मामले में आरोपी नजीम खान की जमानत रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में 21 अक्टूबर 2024 को नजीम खान को मिली जमानत को रद्द करने का अनुरोध किया गया है. ... Read More
Source: NSC 9 News
Dated: Nov 14, 2024
Source: ETV Bharat
Dated: Nov 14, 2024
राज्य के एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि आरोपी के खिलाफ राजस्थान गोवंश अधिनियम और पशु क्रूरता अधिनियम के तहत कई मामले दर्ज हैं. उस पर यूपी में भी गिरोह से संबंधित आरोप हैं. आरोपी खान का आपराधिक इतिहास उसे एक आदतन अपराधी बनाता है. ऐसे में जमानत पर छूटे रहने पर उससे ना केवल सार्वजनिक सुरक्षा का खतरा है, बल्कि गौवंश तस्करी में उसके अपराध का सिलसिला भी जारी रह सकता है. ... Read More
Source: Khas Khabar
Dated: Nov 14, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने यह याचिका दायर की और पिछली सुनवाई के दौरान सरकारी वकील के न होने पर खेद जताया। उन्होंने बताया कि प्रक्रियात्मक चूक के कारण राज्य का कोई भी प्रतिनिधि कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सका था, लेकिन अब सरकार अपना पक्ष रखना चाहती है और इसलिए पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की अपील की गई। ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Nov 14, 2024
राज्य सरकार ने हार्डकोर गो तस्कर की जमानत के मामले में गुरुवार को पुनर्विचार याचिका दायर की है। याचिका दायर करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने पिछली सुनवाई पर सरकारी वकील के पेश नहीं होने पर खेद भी जताया। याचिका में कहा- आरोपी आदतन गो तस्कर है। अगर आरोपी बाहर रहता है तो फिर से वह इसी तरह के अपराध को अंजाम दे सकता है। ... Read More
Source: NDTV
Dated: Nov 14, 2024
27 सितंबर 2024: दिल्ली हाईकोर्ट में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए एएजी शिव मंगल शर्मा ने राज्य का बदला हुआ रुख घोषित किया, जिसमें दिल्ली पुलिस की जांच का समर्थन किया गया और राजस्थान की सहायता की पुष्टि की गई. इस महत्वपूर्ण बयान के बाद लोकश शर्मा ने अपनी एफआईआर खारिज करने की याचिका वापस लेने का निर्णय लिया. ... Read More
#Delhi: आदतन गोतस्कर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार की तरफ से याचिका
— First India News (@1stIndiaNews) November 14, 2024
आरोपी नाजिम खान के खिलाफ राजस्थान सरकार की तरफ से दायर की गई याचिका, सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत आदेश...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/7GZyXAtcBt
Source:
1st India News
Dated: Nov 14, 2024
Source: दैनिक नवज्योति
Dated: Nov 13, 2024
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने गत 8 अगस्त को आदेश दिया था कि जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खनन लाइसेंस का 7 नवंबर तक राज्य स्तरीय प्राधिकरण से भी पुनः परीक्षण कराया जाए। ऐसा नहीं करने पर एनजीटी ने खनन कार्य बंद करने को कहा था।
Source: NSC 9 News
Dated: Nov 12, 2024
राजस्थान सरकार ने यह अपील ऐसे समय में की थी जब NGT ने खनन पट्टों के लिए अतिरिक्त समय देने के राज्य के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद, 8 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अस्थायी राहत देते हुए 13 नवंबर तक खनन संचालन की अनुमति दी थी। राजस्थान के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करते हुए, राज्य में खनन क्षेत्र के महत्व और संभावित आर्थिक नुकसान का हवाला दिया। ... Read More
Source: NSC9 News
Dated: Nov 13, 2024
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की बेंच ने आज एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए भारत में Demolition Policies को लेकर महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। यह फैसला उन मामलों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिनमें अपराध के आरोपी या दोषी व्यक्तियों की संपत्तियों को राज्य सरकारों द्वारा ध्वस्त किया जाता है। इस फैसले में राजस्थान के जयपुर और उदयपुर के मामलों पर भी विचार किया गया, जिसमें राज्य का प्रतिनिधित्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने किया। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Nov 13, 2024
राजस्थान सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व अतिरिक्त महाधिवता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी के आदेश से करीब 23 हजार खान और 15 लाख लोगों के रोजगार प्रभावित होंगे। इससे अर्थव्यवस्था व निर्माण गतिविधियां प्रभावित होंगी, वहीं निर्माण सामग्री की कीमतों में वृद्धि होगी। ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Nov 12, 2024
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने गत 8 अगस्त को आदेश दिया था कि जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खनन लाइसेंस का 7 नवंबर तक राज्य स्तरीय प्राधिकरण से भी पुनः परीक्षण कराया जाए। ऐसा नहीं करने पर एनजीटी ने खनन कार्य बंद करने को कहा था। इस पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एनजीटी में प्रार्थना पत्र पेश कर पुनः परीक्षण के लिए समय बढाने की गुहार की थी। जिसे एनजीटी ने गत दिनों खारिज कर दिया था। ... Read More
खनन पट्टों से जुड़ी बड़ी खबर, सुप्रीम कोर्ट से मिली राज्य सरकार को बड़ी राहत | Supreme Court | Rajasthan Government#FINVideo #RajasthanGovernment #SupremeCourt #Rajasthan #MiningLeases @RajGovOfficial @BhajanlalBjp @Nirmaltiwaribki pic.twitter.com/IyEpj5ofKn
— First India News (@1stIndiaNews) November 12, 2024
Source:
1st India News
Dated: Nov 12, 2024
#Delhi: जबरन वसूली के आदतन नाबालिग आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत
— First India News (@1stIndiaNews) November 12, 2024
फिलहाल आरोपी नहीं आ पाएगा जेल से बाहर, नाबालिग आरोपी के खिलाफ जयपुर, हरमाड़ा पुलिस स्टेशन में वर्ष....#Extortion #SupremeCourt pic.twitter.com/li2GvLif0X
Source:
1st India News
Dated: Nov 12, 2024
#Delhi: खान बंदी मामले में राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
— First India News (@1stIndiaNews) November 12, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की समय सीमा अवधि बढ़ाने वाली अपील की स्वीकार, खनन संचालन की वैधता...#FirstIndiaNews #SupremeCourt pic.twitter.com/RKSB3geGPH
Source:
1st India News
Dated: Nov 12, 2024
Source: NSC 9 News
Dated: Nov 12, 2024
Source: Times of India
Dated: Nov 13, 2024
We filed an urgent appeal since the NGT denied a request for more time from MoEF to complete environmental re-evaluations mandated for mining leases cleared by DEIAAs. As the NGT's closure deadline approached on Nov 7, we acted swiftly. Thus, an appeal was filed before the Supreme Court on Nov 6 and obtained a provisional extension on Nov 8, 2024, allowing mining operations to continue temporarily until Nov 13," said additional advocate general, Shiv Mangal Sharma, who represented the state govt at the Supreme Court in this matter. ... Read More
Source: ETV Bharat
Dated: Nov 12, 2024
सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिकाः राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने गत 8 अगस्त को आदेश दिया था कि जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खनन लाइसेंस का 7 नवंबर तक राज्य स्तरीय प्राधिकरण से भी पुनः परीक्षण कराया जाए. ऐसा नहीं करने पर एनजीटी ने खनन कार्य बंद करने को कहा था. इस पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एनजीटी में प्रार्थना पत्र पेश कर पुनः परीक्षण के लिए समय बढ़ाने की गुहार की थी. जिसे एनजीटी ने गत दिनों खारिज कर दिया था. इस पर राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की गई. ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Nov 13, 2024
सीजेआई संजीव खन्ना व जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान सरकार की सिविल अपील पर दिया। राज्य के एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने 8 अगस्त को आदेश दिया था कि जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी मिले खनन कार्य लाइसेंस धारक 7 नवंबर तक राज्य स्तरीय पर्यावरणीय प्राधिकरण से पुन: परीक्षण करवाएं। ... Read More
Source: Samachar Nama
Dated: Nov 09, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक खनन लाइसेंस धारक अपनी खदानों में खनन कार्य जारी रख सकते हैं. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को राज्य सरकार की सिविल अपील पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, एएसजी ऐश्वर्या भाटी और एएजी शिवमंगल शर्मा ने राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पैरवी की. ... Read More
Source: Mahanagar Times
Dated: Nov 08, 2024
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने गत 8 अगस्त को आदेश दिया था कि जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खनन लाइसेंस का 7 नवंबर तक राज्य स्तरीय प्राधिकरण से भी पुन: परीक्षण कराया जाए। ऐसा नहीं करने पर एनजीटी ने खनन कार्य बंद करने को कहा था। इस पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एनजीटी में प्रार्थना पत्र पेश कर पुन: परीक्षण के लिए समय बढाने की गुहार की थी। ... Read More
Source: Haryana Kranti
Dated: Nov 09, 2024
राज्य सरकार की अपील और सुप्रीम कोर्ट का रुख राजस्थान सरकार की अपील पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने यह आदेश जारी किया। इस मामले में राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि यदि इन खदानों को बंद करना पड़ता तो लगभग 15 लाख श्रमिकों की नौकरी पर संकट आ सकता था। खदानें बंद होने से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता। बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य प्रभावित हो जाते, जिससे विकास परियोजनाओं में देरी होती। ... Read More
Source: दैनिक नवज्योति
Dated: Nov 09, 2024
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शमां ने बताया कि एनजीटी ने गत 8 अगस्त को आदेश दिया था कि जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खनन लाइसेंसों का 7 नवंबर तक राज्य स्तरीय प्राधिकरण से भी पुनः परीक्षण कराया जाए। ऐसा नहीं करने पर एनजीटी ने खनन कार्य बंद करने को कहा था।
Source: Times of India
Dated: Nov 09, 2024
A bench comprising Chief Justice of India DY Chandrachud and Justices JB Pardiwala and Manoj Misra considered the matter following an urgent appeal filed by Rajasthan's legal team. "We got this interim relief. On the next date, we will argue it strongly and request the apex court to consider the extension since it is related to 23,000 mining leases and 15 lakh jobs associated with mining," said additional advocate general (AAG) Shiv Mangal Sharma. ... Read More
Source: Udaipur Times
Dated: Nov 08, 2024
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 8 अगस्त, 2024 के फैसले के खिलाफ कुल तीन विशेष अनुमति याचिकाएं दायर की गईं। इनमें से एक राजस्थान सरकार द्वारा दायर की गई थी, जिसका प्रतिनिधित्व भारत की अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने किया था। अन्य दो मध्य प्रदेश के स्टोन क्रशर एसोसिएशन और छत्तीसगढ़ खनिज पट्टेदार महासंघ द्वारा दायर की गई थीं, जिनका प्रतिनिधित्व एडवोकेट श्रद्धा देशमुख ने किया था, जिन्होंने तत्काल सुनवाई के लिए मंजूरी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ... Read More
Source: Public Saathi
Dated: Nov 08, 2024
सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने राज्य सरकार की अपील पर यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि मामले की अंतिम सुनवाई तक इन खदानों में खनन कार्य जारी रहेगा। राजस्थान सरकार की ओर से इस मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी, और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पक्ष रखा। ... Read More
Source: K News India
Dated: Nov 08, 2024
इस मामले में भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने राज्य में खनन कार्य को जारी रखने और पर्यावरणीय नियमों का पालन करने के लिए समय बढ़ाने की अपील की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर लिया। ... Read More
Source: अमर उजाला
Dated: Nov 09, 2024
सुप्रीम कोर्ट में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व किया।दरअसल, इस मामले में राजस्थान सरकार को तब झटका लगा जब NGT ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) की ओर से समय सीमा बढ़ाने के लिए किए गए अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। ... Read More
Source: Dainik Ujala
Dated: Nov 07, 2024
अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि अपील में राज्य सरकार को पर्यावरण संबंधी इन निर्देशों की पालना के लिए एक वर्ष का समय देने की मांग की गई है। अपील में कहा कि खानों के बंद होने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था और लाखों गरीब मजदूरों का रोजगार प्रभावित होगा। इनमें शहीदों के परिवार और अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवार भी शामिल हैं। इसके अलावा निर्माण गतिविधियां रुक जाएंगी और निर्माण सामग्री भी महंगी हो जाएगी। ... Read More
Source: Aaj Ki News
Dated: Nov 08, 2024
सीजेआई के निर्देश पर आज इस मामले में भजनलाल सरकार की याचिका पर सुनवाई होगी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा के अपील के तत्काल सुनवाई के आग्रह पर गुरूवार को सीजेआई ने सहमति जताई। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या राजस्थान सरकार को बड़ी राहत मिलेगी या नहीं? क्योंकि यह मामला 15 लाख लोगों के रोजगार से भी जुड़ा हुआ है। ... Read More
Source: Haldhar Kisan
Dated: Nov 08, 2024
यह दिया था एनजीटी ने आदेश: राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने गत 8 अगस्त को आदेश दिया था कि जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खनन लाइसेंसों का 7 नवंबर तक राज्य स्तरीय प्राधिकरण से भी पुन: परीक्षण कराया जाए। ऐसा नहीं करने पर एनजीटी ने खनन कार्य बंद करने को कहा था। इस पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एनजीटी में प्रार्थना पत्र पेश कर पुन: परीक्षण के लिए समय बढ़ाने की गुहार की थी, जिसे एनजीटी ने गत दिनों खारिज कर दिया था। ... Read More
Source: First India News
Dated: Nov 11, 2024
राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने पक्ष रखा. मामले में अब 12 नवंबर को नए CJI सुनवाई करेंगे. आपको बता दें कि खनन क्षेत्र को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. 13 नवंबर तक NGT के आदेश को स्टे किया. 12 नवंबर को नए मुख्य न्यायाधीश सुनवाई करेंगे. जिला स्तरीय समिति से प्राप्त EC को राज्य स्तरीय समिति से अनुमोदित कराने से प्रकरण जुड़ा था. माइनर मिनरल की खदानों पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा था.21000 से अधिक खदानों के बंद होने का खतरा मंडरा रहा था. राज्य स्तरीय समिति द्वारा EC अनुमोदन की अंतिम तिथि कल थी. कल ही राज्य सरकार की SLP को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया था और आज सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में राहत मिल गई. ... Read More
Source: K News India
Dated: Nov 08, 2024
राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में इस मुद्दे को उठाया है। उनका कहना है कि SEIAA के पास इतने बड़े पैमाने पर आवेदनों को संसाधित करने के लिए न तो पर्याप्त संसाधन हैं और न ही पर्याप्त समय। यह आदेश सीधे तौर पर 15 लाख लोगों की आजीविका को प्रभावित कर रहा है, जो खनन उद्योग से जुड़े हुए हैं। इन खनन पट्टों में काम करने वाले लोग, जिनमें अधिकांश गरीब और कमजोर वर्ग से आते हैं, उनके लिए बेरोजगारी का संकट पैदा हो सकता है। खनन उद्योग का बंद होना राज्य के निर्माण कार्यों, ईंट-पत्थर की कीमतों, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाएगा। ... Read More
Source: Khas Khabar
Dated: Nov 08, 2024
अपील का समय और तात्कालिकता राजस्थान सरकार को तब झटका लगा जब NGT ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) की ओर से विस्तार के लिए की गई अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद, 6 नवंबर को अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा को तात्कालिक निर्देश दिए गए कि वह NGT के समय सीमा के समाप्त होने से पहले, 7 नवंबर को अपील दायर करें। शर्मा ने उसी दिन अपील दाखिल की और तुरंत सुनवाई के लिए अनुरोध किया। 7 नवंबर को मामले का उल्लेख करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने इसे 8 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति दी, जिससे समय पर विचार संभव हुआ। ... Read More
Source: Smart Halchal
Dated: Nov 08, 2024
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सात नवम्बर तक पर्यावरणीय मंजूरी नहीं लेने वाली खानों को बंद करने का आदेश दिया था। ऐसे में राजस्थान की करीब 23 हजार खानों पर बंद होने का खतरा मंडराने लगा था। साथ ही 15 लाख लोगों का रोजगार भी खतरे में पड़ गया था। 15 लाख लोगों का रोजगार बचाने के लिए राजस्थान सरकार गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने जल्द सुनवाई के लिए गुहार लगाई थी। जिस पर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चन्द्रचूड ने राज्य सरकार का आग्रह मान लिया था । ... Read More
Source: Lalluram
Dated: Nov 08, 2024
इस मामले में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा पेश हुए. उन्होंने राजस्थान सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में लगभग 23,000 खनन लाइसेंसों के लिए पर्यावरणीय नियमों का पालन करने के लिए समय बढ़ाने की अपील की, जिसकी मंजूरी मिल गई. यह एक्सटेंशन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) के राज्य स्तरीय प्राधिकरण SEIAA को जरूरी इवैल्यूएशन और रिवैल्यूएशन प्रोसेस को पूरा करने का समय देगा, जैसा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश में निर्देशित किया गया है. ... Read More
Source: Zee News Rajasthan
Dated: Nov 08, 2024
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ से तत्काल सुनवाई का आग्रह किया. राजस्थान सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सिविल अपील दायर की. इसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल के उस आदेश को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राजस्थान सरकार को एक महत्वपूर्ण अंतरिम राहत मिली है, जिससे मामले के लंबित रहते हुए खनन कार्यों को बिना किसी बाधा के जारी रखने की अनुमति मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 12 नवंबर को तय की है. ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Nov 07, 2024
एएजी बोले- FIR रद्द करने से समाज में गलत संदेश जाएगा अतिरिक्त महाअधिवक्ता (एएजी) शिवमंगल शर्मा ने कहा- बच्चों से जुड़े अपराध, विशेष रूप से यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पॉक्सो एक्ट के तहत केवल निजी मामले नहीं आते हैं। इन अपराधों का समाज पर भी प्रभाव पड़ता है। हाईकोर्ट से मामले की एफआईआर रद्द करने से समाज में गलत संदेश जाएगा। मामले में केवल पीड़ित को ही न्याय नहीं मिले बल्कि पूरे समाज के लिए भी व्यापक स्तर पर होना चाहिए। ... Read More
Source: Mahanagar Times
Dated: Nov 08, 2024
राजस्थान सरकार को तब झटका लगा जब NGT ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) की ओर से विस्तार के लिए की गई अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद, 6 नवंबर को अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा को तात्कालिक निर्देश दिए गए कि वह NGT के समय सीमा के समाप्त होने से पहले, 7 नवंबर को अपील दायर करें। शर्मा ने उसी दिन अपील दाखिल की और तुरंत सुनवाई के लिए अनुरोध किया। 7 नवंबर को मामले का उल्लेख करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने इसे 8 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर सहमति दी, जिससे समय पर विचार संभव हुआ। ... Read More
Source: जनमानस शेखावाटी
Dated: Nov 08, 2024
प्रार्थी की ओर से कहा कि ऐसे अपराध पूरे समाज को प्रभावित करते हैं और इन्हें पक्षकारों के बीच में हुए आपसी समझौते से खत्म नहीं कर सकते। वहीं एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि बच्चों से जुड़े अपराध, विशेष रूप से यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पॉक्सो एक्ट के तहत केवल निजी मामले नहीं आते हैं। इन अपराधों का समाज पर भी प्रभाव पड़ता है। हाईकोर्ट से मामले की एफआईआर रद्द करने से समाज में गलत संदेश जाएगा। मामले में केवल पीड़ित को ही न्याय नहीं मिले बल्कि पूरे समाज के लिए भी व्यापक स्तर पर होना चाहिए। ... Read More
Source: Mahanagar Times
Dated: Nov 07, 2024
जयपुर। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के 23 हजार खान लाइसेंसों के नियमित संचालन व इनमें काम करने वाले 15 लाख लोगों की नौकरियां बचाने वाली राज्य सरकार की सिविल अपील पर शुक्रवार को तय की है। मामले की तात्कालिक सुनवाई के लिए गुरुवार को एएसजी ऐश्वर्या भाटी व एएजी शिवमंगल शर्मा ने सीजेआई के समक्ष आग्रह किया। जिस पर उन्होंने मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय की। ... Read More
Source: Vikalp Times
Dated: Nov 08, 2024
जयपुर: राज्य सरकार को से बड़ी राहत, राजस्थान में खानें नहीं होगी बंद, NGT के खनन बंदी के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक, एनवायरनमेंट क्लियरेंस के अभाव में NGT के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अंतरिम रोक, राजस्थान सरकार 15 लाख लोगों का रोजगार बचाने के लिए पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट, राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने रखा पक्ष, मामले में अब 12 नवंबर को नए सीजेआई करेंगे सुनवाई ... Read More
Source: ETV Bharat Rajasthan
Dated: Nov 08, 2024
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि एनजीटी ने गत 8 अगस्त को आदेश दिया था कि जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खनन लाइसेंसों का 7 नवंबर तक राज्य स्तरीय प्राधिकरण से भी पुनः परीक्षण कराया जाए. ऐसा नहीं करने पर एनजीटी ने खनन कार्य बंद करने को कहा था. इस पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एनजीटी में प्रार्थना पत्र पेश कर पुनः परीक्षण के लिए समय बढ़ाने की गुहार की थी, जिसे एनजीटी ने गत दिनों खारिज कर दिया था. ... Read More
Source:
Bharat 24
Dated: Nov 08, 2024
Source: आपका राजस्थान
Dated: Nov 07, 2024
जयपुर न्यूज़ डेस्क, प्रदेश की 23 हजार खानों व उन पर काम करने वाले 15 लाख लोगों के राेजगार पर संकट से संबंधित मामले में राज्य सरकार ने बुधवार को अपील दायर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चन्द्रचूड़ से तत्काल सुनवाई का आग्रह करेंगे। सीजेआई से आग्रह किया जाएगा कि आपात स्थिति को देखते हुए मामला गुरुवार दोपहर दो बजे या शुक्रवार सुबह सुना जाए। जानकारी में आया है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस मामले की सीधे मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ... Read More
Source: HP News
Dated: Nov 07, 2024
अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि अपील में राज्य सरकार को पर्यावरण संबंधी इन निर्देशों की पालना के लिए एक वर्ष का समय देने की मांग की गई है। अपील में कहा कि खानों के बंद होने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था और लाखों गरीब मजदूरों का रोजगार प्रभावित होगा। इनमें शहीदों के परिवार और अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवार भी शामिल हैं। इसके अलावा निर्माण गतिविधियां रुक जाएंगी और निर्माण सामग्री भी महंगी हो जाएगी। ... Read More
Source: Live Hindustan
Dated: Nov 08, 2024
अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा के मुताबिक अपील में राज्य सरकार को पर्यावरण संबंधी इन निर्देशों की पालना के लिए एक वर्ष का समय देने की मांग की गई। अपील में कहा कि खानों के बंद होने से प्रदेश की अर्थव्यवस्था और लाखों गरीब मजदूरों का रोजगार प्रभावित होगा। इनमें शहीदों के परिवार और अनुसूचित जाति-जनजाति के परिवार भी शामिल हैं। इसके अलावा निर्माण गतिविधियां रुक जाएंगी और निर्माण सामग्री भी महंगी हो जाएगी। ... Read More
Source:
1st India News
Dated: Nov 08, 2024
राजस्थान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, राजस्थान में खानें नहीं होगी बंद, NGT के खनन बंदी के आदेश पर SC ने लगाई अंतरिम रोक, एनवायरमेंट क्लीयरेंस के अभाव में NGT के आदेश पर SC ने लगाई अंतरिम रोक, राजस्थान सरकार 15 लाख लोगों का रोजगार बचाने के लिए पहुंची थी सुप्रीम कोर्ट, राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने रखा पक्ष, मामले में अब 12 नवंबर को नए CJI करेंगे सुनवाई |
#Delhi: राजस्थान में खानें नहीं होगी बंद
— First India News (@1stIndiaNews) November 8, 2024
एनवायरमेंट क्लीयरेंस के अभाव में NGT के खनन बंदी के आदेश पर SC ने लगाई अंतरिम रोक, 15 लाख लोगों का रोजगार बचाने के लिए...#RajasthanGovernment #SupremeCourt @RajGovOfficial pic.twitter.com/rNDvIBJWE2
Source:
1st India News
Dated: Nov 08, 2024
Source: Rajasthan NDTV
Dated: Nov 08, 2024
इस मामले में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा पेश हुए. उन्होंने राजस्थान सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में लगभग 23,000 खनन लाइसेंसों के लिए पर्यावरणीय नियमों का पालन करने के लिए समय बढ़ाने की अपील की, जिसकी मंजूरी मिल गई. यह एक्सटेंशन पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF) के राज्य स्तरीय प्राधिकरण SEIAA को जरूरी इवैल्यूएशन और रिवैल्यूएशन प्रोसेस को पूरा करने का समय देगा, जैसा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के आदेश में निर्देशित किया गया है. ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Nov 07, 2024
जयपुर, 7 नवंबर (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश के 23 हजार खान लाइसेंसों के नियमित संचालन व इनमें काम करने वाले 15 लाख लोगों की नौकरियां बचाने वाली राज्य सरकार की सिविल अपील पर शुक्रवार को तय की है। मामले की तात्कालिक सुनवाई के लिए गुरुवार को एएसजी ऐश्वर्या भाटी व एएजी शिवमंगल शर्मा ने सीजेआई के समक्ष आग्रह किया। जिस पर उन्होंने मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय की। ... Read More
Source: Patrika
Dated: Nov 08, 2024
इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अपना पक्ष रखा। इन्होंने पर्यावरणीय नियमों की पालन करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष प्रदेश की 23 हजार खानों के लाइसेंस की समय सीमा बढ़ाने की अपील की। ऐसे में एनवायरमेंट क्लीयरेंस के अभाव में सुप्रीम कोर्ट ने खनन बंदी के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है। अब इस मामले में 12 नवंबर को फिर से सुनवाई होगी। अच्छी बात ये है कि अभी फिलहाल, प्रदेश की 23 हजार खानें बंद नहीं होगी। जिससे 15 लाख लोगों के राेजगार पर संकट टल गया है। ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Nov 08, 2024
सरकार की अपील पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा की बैंच ने कहा- जब तक सुप्रीम कोर्ट मामले की सुनवाई नहीं कर लेता है, तब तक खनन जारी रखा जा सकता है। अब सुप्रीम कोर्ट 12 नवंबर को मामले की सुनवाई करेगा। राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने पैरवी की। ... Read More
Source:
Times of India
Dated: Nov 08, 2024
Additional advocate general (AAG) Shiv Mangal Shar-ma, who represented the state govt, told TOI, “Former JDA officials granted approval for a land lease to one M/s Ganpati Constructions, which was earlier rejected by the UDH department. It was alleged that the rules were overlooked and the land deed was issued and rejected a few times.”
Source:
Times of India
Dated: Nov 08, 2024
Additional advocate general Shiv Mangal Sharma, who represented the state in SC, said, “We have requested the continuation of about 23,000 mining licences, seeking an extension of one year until the ministry of environment and forest's SEIAA completes their appraisal and processing of the appli-cations, as directed by NGT.” ... Read More
Source:
Patrika
Dated: Nov 08, 2024
सीजेआई के निर्देश पर आज इस मामले में भजनलाल सरकार की याचिका पर सुनवाई होगी। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा के अपील के तत्काल सुनवाई के आग्रह पर गुरूवार को सीजेआई ने सहमति जताई। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या राजस्थान सरकार को बड़ी राहत मिलेगी या नहीं? क्योंकि यह मामला 15 लाख लोगों के रोजगार से भी जुड़ा हुआ है। ... Read More
Source:
Zee Rajasthan
Dated: Nov 08, 2024
सीजेआई के समक्ष एएसजी ऐश्वर्या भाटी और एएजी शिवमंगल शर्मा ने गुरुवार को आग्रह किया, जिसके बाद मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय हुई. यह मामला एनजीटी के फैसले के खिलाफ अपील है, जिसमें खनन लाइसेंस धारकों को 7 नवंबर तक राज्य पर्यावरणीय प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी के पुन: मूल्यांकन की आवश्यकता है. ... Read More
Source:
दैनिक भास्कर
Dated: Nov 08, 2024
एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि बच्चों से जुड़े अपराध, विशेष रूप से यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पॉक्सो एक्ट के तहत केवल निजी मामले नहीं आते हैं। इन अपराधों का समाज पर भी प्रभाव पड़ता है। हाईकोर्ट से मामले की एफआईआर रद्द करने से समाज में गलत संदेश जाएगा। मामले में केवल पीड़ित को ही न्याय नहीं मिले बल्कि पूरे समाज के लिए भी व्यापक स्तर पर होना चाहिए। ... Read More
Source:
ETV Bharat Rajasthan
Dated: Nov 07, 2024
मामले की तात्कालिक सुनवाई के लिए गुरुवार को एएसजी ऐश्वर्या भाटी व एएजी शिवमंगल शर्मा ने सीजेआई के समक्ष आग्रह किया. जिस पर उन्होंने मामले की सुनवाई शुक्रवार को तय की. दरअसल अपील में एनजीटी के उस फैसले को चुनौती दी गई है, जिसमें जिला स्तरीय पर्यावरण प्राधिकरण से पर्यावरणीय मंजूरी (Environmental clearance) प्राप्त खनन लाइसेंस धारकों को 7 नवंबर तक राज्य पर्यावरणीय प्राधिकरण से भी पर्यावरणीय मंजूरी के पुन: मूल्यांकन की आवश्यकता बताई गई है. ... Read More
Source:
News In Rajasthan
Dated: Nov 07, 2024
Delhi: राजस्थान की 20 हजार से ज्यादा खान बंद होने से जुड़ा मामला राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार, प्रकरण में कल को होगी सुनवाई, संबंधित प्रकरण में अर्जेंट सुनवाई की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखा था मामला, केंद्र से ASG ऐश्वर्या भाटी और राजस्थान सरकार के AAG शिवमंगल शर्मा ने SC में पेश किया प्रकरण, SC ने सुनवाई के लिए सहमति व्यक्त करते हुए, कल के लिए मैटर सूचीबद्ध करने का दिया निर्देश
Source:
Times Bull
Dated: Nov 07, 2024
The order to close 20,000 mining leases in the state has come. Due to which the jobs of 15 lakh people working in these mining leases have been threatened. Additional Solicitor General Shiv Mangal Sharma filed the plea today on the basis of directions received in the morning and emphasized the need for expeditious intervention to extend the timeline for environmental compliance for mining leases. ... Read More
Source:
(MNI)Morning News India
Dated: Nov 07, 2024
राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दाखिल की है। यह मामला खनन उद्योग से जुड़ा है, प्रदेश के 20 हजार खनन पट्टों को बंद करने का फरमान आ चुका है। जिससे इन खनन पट्टों में काम कर रहे 15 लाख लोगों की नौकरियां खतरे में गई है। दरअसल नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से पर्यावर्णीय मंजूरी नहीं होने से 23 हजार खदाने बंद होने की स्थिति में है, जिसके बाद यह स्थिति पैदा होने का खतरा मंडरा रहा है और इसीलिए राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की है। ... Read More
Source:
NDTV
Dated: Nov 07, 2024
Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को राजस्थान सरकार की खनन लाइसेंस विस्तार याचिका पर सुनवाई होगी. आज भारत की एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और एएजी शिव मंगल शर्मा ने इसका मेंशन सीजेआई सामने किया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की अपील पर तात्कालिक सुनवाई करने के लिए सहमति जताई. इसका याचिका का मकसद लगभग 23,000 खनन पट्टों को बंद होने से रोकना है, जो सीधे तौर पर लगभग 15 लाख नौकरियों का समर्थन करते हैं. ... Read More
Source:
Times of India
Dated: Nov 08, 2024
Additional advocate general Shiv Mangal Sharma, who represented the state in SC, said, "We have requested the continuation of about 23,000 mining licences, seek ing an extension of one year until the ministry of envi- ronment and forest's SEIAA completes their appraisal and processing of the appli- cations, as directed by NGT ... Read More
Source:
The Indian Express
Dated: Nov 07, 2024
In a petition filed Wednesday, Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma stressed the immediate need for intervention to extend environmental compliance deadlines for these mines. The state has sought an urgent hearing “to avoid massive unemployment, social unrest, and a disruption in the local economy” if the mines are forced to shut down, which, the petition said, will also affect the construction sector in Rajasthan. ... Read More
Source:
The Statesman
Dated: Nov 06, 2024
State Additional Advocate General (AAG) Shivmangal Sharma submitted the petition in the apex court, seeking a one-year extension in the deadline for applying for environmental clearance before the NGT for these mines. The government’s failure to apply for NGT clearance within the given deadline has necessitated this petition. The closure of these mines poses a threat to the livelihoods of around 15 lakh miners and their families. ... Read More
Source:
First India
Dated: Nov 07, 2024
The petition, filed by AAG Shivmangal Sharma, highlights that without the the extension, the closure of mines would directly and indi- rectly affect the em ploymem of about 1.5 million people. Deepak Tanwar, the department's Additional Director, is in New Delhi for the matter. The NGT's deadline for envirommen- tal clearance is fast ap- proaching. ... Read More
Source:
Patrika
Dated: Nov 07, 2024
राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सर्वोच्च दरअसल यह मामला खनन उद्योग से जुड़ा है। प्रदेश की 20,000 खनन पट्टों को बंद करने का फरमान आ चुका है। जिससे इन खनन पट्टों में काम कर 15 लाख लोगों की नौकरियां खतरे में गई है। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सुबह में मिले निर्देशों के आधार पर आज याचिका दायर की और खनन पट्टों के लिए पर्यावरणीय अनुपालन की समयसीमा बढ़ाने के लिए त्वरित हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया। ... Read More
Source:
Patrika
Dated: Nov 07, 2024
प्रदेश की 23 हजार खानों व उन पर काम करने वाले 15 लाख लोगों के रोजगार पर संकट से संबंधित मामले में राज्य सरकार ने बुधवार को अपील दायर कर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व एएजी शिवमंगल शर्मा गुरुवार को सीजेआई से मामला तत्काल सुनने का आग्रह करेंगे। सरकार ने सिविल अपील में कहा कि एनजीटी न पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त खानों का पुनर्मूल्यांकन नहीं होने पर तत्काल बंद करने को कहा है, जबकि सरकार को निर्देशों की पालना के लिए 12 माह का समय चाहिए। ... Read More
Source:
Patrika
Dated: Nov 07, 2024
Rajasthan Government: जयपुर। प्रदेश की 23 हजार खानों व उन पर काम करने वाले 15 लाख लोगों के राेजगार पर संकट से संबंधित मामले में राज्य सरकार ने बुधवार को अपील दायर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता व अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा गुरुवार को राज्य सरकार की ओर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चन्द्रचूड़ से तत्काल सुनवाई का आग्रह करेंगे। सीजेआई से आग्रह किया जाएगा कि आपात स्थिति को देखते हुए मामला गुरुवार दोपहर दो बजे या शुक्रवार सुबह सुना जाए। जानकारी में आया है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस मामले की सीधे मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ... Read More
Source:
One India
Dated: Nov 06, 2024
राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा द्वारा प्रस्तुत याचिका में खनन कार्यों के लिए पर्यावरण मंजूरी की समय सीमा को बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। सरकार का कहना है कि खनन क्षेत्र के बंद होने से राज्य की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और बेरोजगारी बढ़ेगी। जिसका असर समाज के कमजोर तबकों पर भी पड़ेगा। इनमें भूमिहीन मजदूर, गरीबी रेखा से नीचे के परिवार और अनुसूचित जाति-जनजाति के लोग शामिल हैं। ... Read More
Source:
NDTV
Dated: Nov 06, 2024
दरअसल यह मामला खनन उद्योग से जुड़ा है. प्रदेश की 20,000 खनन पट्टों को बंद करने का फरमान आ चुका है. जिससे इन खनन पट्टों में काम कर 15 लाख लोगों की नौकरियां खतरे में गई है. अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने सुबह में मिले निर्देशों के आधार पर आज याचिका दायर की और खनन पट्टों के लिए पर्यावरणीय अनुपालन की समयसीमा बढ़ाने के लिए त्वरित हस्तक्षेप की आवश्यकता पर जोर दिया. ... Read More
#Delhi: सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) November 7, 2024
23 हजार माइंस से जुड़े मामले पर सुप्रीम कोर्ट कल करेगा सुनवाई, राजस्थान सरकार की अर्जेंट मेंशन को किया स्वीकार, सरकार के अतिरिक्त...#SachBedhadak #SupremeCourt pic.twitter.com/Qw61HrrC8M
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Nov 07, 2024
#Delhi: राजस्थान की 20 हजार से ज्यादा खान बंद होने से जुड़ा मामला
— First India News (@1stIndiaNews) November 7, 2024
राजस्थान सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार, प्रकरण में कल को होगी सुनवाई, संबंधित प्रकरण में.... #FirstIndiaNews #SupremeCourt @RajGovOfficial pic.twitter.com/ViVjZaoCQc
Source:
First India News
Dated: Nov 07, 2024
Source:
Free Press Journal
Dated: Nov 06, 2024
Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma who represented the state government said that the Supreme Court not only nullified the High Court’s earlier decisions but also directed the Rajasthan High Court to re-evaluate the case comprehensively. The Supreme Court further requested the Chief Justice of the Rajasthan High Court to ensure a fresh review of all facts, evidence, and claims involved in the matter, reinforcing the need for transparency and accountability. ... Read More
Source:
Ommcom News
Dated: Nov 05, 2024
Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, who pleaded on behalf of the state government in the Supreme Court, said that on Tuesday the Supreme Court quashed both the orders of the High Court dated 17 January 2023 and 15 November 2022 which asked to end criminal proceedings against the then ACS GS Sandhu, Deputy Secretary Nishkam Diwakar and Zone Deputy Commissioner Omkarmal Saini. ... Read More
Source:
India News Rajasthan
Dated: Nov 05, 2024
Ekal Patta Case : देश के चर्चित एकल पट्टा प्रकरण में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में हाईकोर्ट के उन आदेशों को रद्द कर दिया है, जिसके तहत हाईकोर्ट ने तत्कालीन यूडीएच मंत्री धारीवाल के खिलाफ प्रकरण को रद्द कर दिया था. इसके साथ ही हाईकोर्ट ने पूर्व आईएएस जीएस संधू सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन वापस लेने की भी स्वीकृति दे दी. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायाधीश उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने यह आदेश अशोक पाठक की एसएलपी में राज्य सरकार की ओर से पेश प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए दिए. खंडपीठ ने हाईकोर्ट को प्रकरण की पुनः सुनवाई करने को कहा है और इस दौरान राज्य सरकार को अदालत में अपना पक्ष रखने को कहा है.
Source:
Daijiworld
Dated: Nov 05, 2024
Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, who pleaded on behalf of the state government in the Supreme Court, said that on Tuesday the Supreme Court quashed both the orders of the High Court dated 17 January 2023 and 15 November 2022 which asked to end criminal proceedings against the then ACS GS Sandhu, Deputy Secretary Nishkam Diwakar and Zone Deputy Commissioner Omkarmal Saini. ... Read More
Source:
Telegraph times
Dated: Nov 04, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि गत अप्रैल माह में पेश शपथ पत्र के दौरान उनसे सलाह नहीं ली गई थी। एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश की थी, वे धारीवाल सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी। इन रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था। ऐसे में एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और तीसरी पर कोई निर्णय नहीं हुआ था। इस दौरान मामला हाईकोर्ट चला गया। हाईकोर्ट ने गत जनवरी माह में पूर्व आईएएस जीएस संधू, निष्काम दिवाकर और औंकारमल सैनी के खिलाफ मुकदमा वापस लेने को सही माना और धारीवाल के खिलाफ प्रकरण खारिज कर दिया। ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर प्रकरण को फिर से ट्रायल कोर्ट भेजना चाहिए। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। जिसमें कहा था कि शिकायतकर्ता से राजीनामे के आधार पर केस को रद्द नहीं किया जा सकता। ... Read More
Source:
Social News XYZ
Dated: Nov 05, 2024
Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, who pleaded on behalf of the state government in the Supreme Court, said that on Tuesday the Supreme Court quashed both the orders of the High Court dated 17 January 2023 and 15 November 2022 which asked to end criminal proceedings against the then ACS GS Sandhu, Deputy Secretary Nishkam Diwakar and Zone Deputy Commissioner Omkarmal Saini. ... Read More
Source:
Desh 24 express news
Dated: Nov 05, 2024
Source:
Bol Chhattisgarh
Dated: Nov 05, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने बताया कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 17 जनवरी 2023 और 15 नवंबर 2022 को दिए दोनों आदेश रद्द कर दिए हैं. 17 जनवरी के आदेश से हाईकोर्ट ने तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर और जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को बंद कर दिया था.चर्चित ‘एकल पट्टा’ मामले में कीमती भूमि के एकल पट्टे के आवंटन में कथित भ्रष्टाचार और प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप था, जिसने व्यापक ध्यान और कानूनी चुनौतियों को आकर्षित किया था. सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से आग्रह किया कि इस मामले में सभी तथ्यों, साक्ष्यों और दावों की ताजा समीक्षा सुनिश्चित की जाए, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को मजबूत किया जा सके.राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने इस निर्णय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ... Read More
Source:
आपका राजस्थान
Dated: Nov 05, 2024
अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिवमंगल शर्मा ने बताया कि अप्रेल 2024 में बिना विधिक सलाह लिए अधिकारियों ने अपने स्तर पर शपथ पत्र पेश किया, सरकार ने केस के प्रभारी अधिकारी को बदल दिया। एएजी शर्मा ने कहा कि एसीबी ने धारीवाल व अन्य से प्रभावित होकर 3 क्लोजर रिपोर्ट पेश की। इसी कारण एसीबी कोर्ट ने दो क्लोज़र रिपोर्ट खारिज कर दी और तीसरी पर कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं लिया। इसी बीच आरोपी हाईकोर्ट चले गए, 17 जनवरी 2023 को हाईकोर्ट ने केस वापस लेने के राज्य सरकार के निर्णय को सही मान लिया। शर्मा ने मामला पुन: ट्रायल कोर्ट भेजने का आग्रह किया। ... Read More
Source:
Mahanagar Times
Dated: Nov 05, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्माने बताया कि गत अप्रैल माह में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश शपथ पत्र में प्रकरण में कोई आपराधिक मामला नहीं बनने की बात कही थी, लेकिन इस दौरान उनसे सलाह नहीं ली गई। वहीं अब नया शपथ पत्र पेश कर हाईकोर्ट के आदेशों को रद्द करने की गुहार की गई थी। एएजी शर्मा ने बताया कि मामले में एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश की थी, वे धारीवाल सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी। इन रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था। ऐसे में एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और तीसरी पर कोई निर्णय नहीं हुआ था। ... Read More
Source:
दैनिक भास्कर
Dated: Nov 06, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने बताया कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 17 जनवरी 2023 और 15 नवंबर 2022 को दिए दोनों आदेश रद्द कर दिए हैं। 17 जनवरी के आदेश से हाईकोर्ट ने तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर और जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को बंद कर दिया था। ... Read More
Source:
अमर उजाला
Dated: Nov 05, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से आग्रह किया कि इस मामले में सभी तथ्यों, साक्ष्यों और दावों की ताजा समीक्षा सुनिश्चित की जाए, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को मजबूत किया जा सके। राज्य सरकार की तरफ से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने इस केस में पैरवी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नए सिरे कार्रवाई करने में राजस्थान उच्च न्यायालय की पूरी सहायता करने के भी निर्देश दिए हैं। ... Read More
Source:
NDTV
Dated: Nov 05, 2024
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने बताया कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 17 जनवरी 2023 और 15 नवंबर 2022 को दिए दोनों आदेश रद्द कर दिए हैं. 17 जनवरी के आदेश से हाईकोर्ट ने तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर और जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को बंद कर दिया था. ... Read More
Source:
पत्रिका
Dated: Nov 05, 2024
सरकार ने नए शपथ पत्र में सुप्रीम कोर्ट से एसीबी की ओर से केस वापस लेने के फैसले को सही ठहराने और धारीवाल को राहत देने वाले हाईकोर्ट आदेश को रद्द करने का आग्रह किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिवमंगल शर्मा ने बताया कि अप्रैल 2024 में बिना विधिक सलाह लिए अधिकारियों ने अपने स्तर पर शपथ पत्र पेश किया, सरकार ने केस के प्रभारी अधिकारी को बदल दिया। एएजी शर्मा ने कहा कि एसीबी ने धारीवाल व अन्य से प्रभावित होकर 3 क्लोजर रिपोर्ट पेश की। इसी कारण एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी और तीसरी पर कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं लिया। इसी बीच आरोपी हाईकोर्ट चले गए, 17 जनवरी 2023 को हाईकोर्ट ने केस वापस लेने के राज्य सरकार का निर्णय सही मान लिया। शर्मा ने मामला पुनः ट्रायल कोर्ट भेजने का आग्रह किया। ... Read More
Source:
दैनिक भास्कर
Dated: Nov 05, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने बताया कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के 17 जनवरी 2023 और 15 नवंबर 2022 को दिए दोनों आदेश रद्द कर दिए हैं। 17 जनवरी के आदेश से हाईकोर्ट ने तत्कालीन एसीएस जीएस संधू, डिप्टी सचिव निष्काम दिवाकर और जोन उपायुक्त ओंकारमल सैनी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई को बंद कर दिया था। ... Read More
Source:
Zee Rajasthan News
Dated: Nov 05, 2024
Ekal Patta Case: भजनलाल सरकार ने 22 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब पेश करते हुए पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को क्लीन चिट दे दिया था. हंगामा हुआ तो अब सरकार ने एफिडेविट देकर यू-टर्न ले लिया है, Watch Video ... Read More
Source:
Zee Rajasthan News
Dated: Nov 05, 2024
Source:
लाइव हिन्दुस्तान
Dated: Nov 05, 2024
सरकार के रुख में यह बदलाव तब आया है जब हाल ही में एडिशनल एडवोकेट जनरल महाधिवक्ता (एएजी) शिव मंगल शर्मा ने मामले को अपने हाथ में लिया। इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों ने बताया कि जुलाई 2023 और अप्रैल 2024 में पेश किए गए पहले हलफनामों में कथित तौर पर धारीवाल की पोजीशन को सपोर्ट किया गया था, जिन्हें वरिष्ठ अधिकारियों या एएजी शर्मा से परामर्श लिएए बिना दायर किया गया था। इसके बाद शर्मा ने व्यापक समीक्षा के लिए दबाव डाला, जिसके कारण सरकार ने अपने रुख में बदलाव किया। मामले की बारीकी से निगरानी सुनिश्चित करने के लिए प्रभारी अधिकारी को भी बदल दिया गया। एकल पट्टा केस जयपुर में मेसर्स गणपति कंस्ट्रक्शन को बहुमूल्य जमीन लीज पर देने के लिए एकल पट्टा (पट्टा) देने में भ्रष्टाचार के आरोपों पर केंद्रित है। ... Read More
एकल पट्टा प्रकरण में पूर्व मंत्री Shanti Dhariwal को झटका, सुप्रीम कोर्ट में भजनलाल सरकार को मिली बड़ी सफलता #FINVideo #FirstIndiaNews #ShantiDhariwal #SupremeCourt #BhajanlalSharma @RajGovOfficial pic.twitter.com/6oI9V4NhNc
— First India News (@1stIndiaNews) November 5, 2024
Source:
First India News
Dated: Nov 05, 2024
एकल पट्टा प्रकरण में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल को झटका
— First India News (@1stIndiaNews) November 5, 2024
प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट में भजनलाल सरकार को मिली बड़ी सफलता, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया पूर्व में पारित...#FirstIndiaNews #SupremeCourt #ShantiDhariwal pic.twitter.com/8CMrUrHmvQ
Source:
First India News
Dated: Nov 05, 2024
Source:
First India News
Dated: Nov 05, 2024
Source:
ETV Bharat
Dated: Nov 05, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने बताया कि गत अप्रैल में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश शपथ पत्र में प्रकरण में कोई आपराधिक मामला नहीं बनने की बात कही थी, लेकिन इस दौरान उनसे सलाह नहीं ली गई. वहीं, अब नया शपथ पत्र पेश कर हाईकोर्ट के आदेशों को रद्द करने की गुहार की गई थी. इसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. एएजी शर्मा ने बताया कि मामले में एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश की थी, वे धारीवाल सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी. इन रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था. ऐसे में एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और तीसरी पर कोई निर्णय नहीं हुआ था. इस दौरान मामला हाईकोर्ट चला गया. हाईकोर्ट ने गत जनवरी माह में पूर्व आईएएस जीएस संधू, निष्काम दिवाकर और ओंकार मल सैनी के खिलाफ मुकदमा वापस लेने को सही माना और धारीवाल के खिलाफ प्रकरण खारिज कर दिया. ऐसे में हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर प्रकरण को फिर से ट्रायल कोर्ट भेजना चाहिए. हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता अशोक पाठक ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी, जिसमें कहा था कि शिकायतकर्ता से राजीनामे के आधार पर केस को रद्द नहीं किया जा सकता. ... Read More
Source:
हमारा समाचार
Dated: Nov 05, 2024
सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट पेश करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिव मंगल शर्मा ने बताया कि जो एफिडेविट अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था। उसमें वरिष्ठ अधिकारियों और उनसे सलाह नहीं ली गई थी। सरकार ने मामले से जुड़े केस अधिकारी को भी बदल दिया है। उन्होंने कहा- एसीबी ने जो तीन क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। वो धारीवाल सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी। उन तीनों क्लोजर रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था। ... Read More
Source:
Indian Express
Dated: Nov 05, 2024
This shift comes after Additional Advocate General (AAG) Shiv Mangal Sharmatook over the case recently. The earlier affidavits, submitted in July 2023 and April 2024, had reportedly supported Dhariwal’s position but were filed without consulting senior officials or AAG Sharma, sources said. Sharma subsequently pushed for a comprehensive review, leading to the government’s revised stance. The officer-in-charge of the case was also changed to ensure closer oversight. ... Read More
Source:
First India
Dated: Nov 05, 2024
The Rajasthan govern- ment has approached the Supreme Court concern- ing former minister Shanti Dhariwal in the single lease deed case. A new affidavit has been submitted alongside a counter affidavit that challenges the cancella- tion of prosecution against him. Additional Advocate General Shiv mangal Sharma represented the Rajasthan government in filing this affidavit. ... Read More
Source:
दैनिक नवज्योति
Dated: Nov 05, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि गत अप्रैल माह में पेश शपथ पत्र के दौरान उनसे सलाह नहीं ली गई थी। एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश की थी, वे धारीवाल s for camining evidenc रकार की अपील, धारीवाल चिफ ट्रायल कोर्ट को केस मेजन सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी। इन रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था। ऐसे में एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और तीसरी पर कोई निर्णय नहीं हुआ था। ... Read More
Source:
The Times of India
Dated: Nov 05, 2024
Jaipur: "We have stressed on the importance of a fair trial to examine all evidence and ensure accountability," addi- tional advocate general (AAG) Shiv Mangal Sharma told TOI.
Source:
दैनिक भास्कर
Dated: Nov 05, 2024
एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया राज्य सरकार ने मौजूदा परिस्थितियों व साक्ष्यों का आंकलन किया। इसमें पाया कि मामले को दोबार ट्रायल कोर्ट के समक्ष सुनवाई के लिए भेजा जाए। सुप्रीम कोर्ट में दायर अशोक पाठक की एसएलपी पर भी सुनवाई मंगलवार को होगी। पिछली सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर जस्टिस आरएस राठौड़ की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी की कार्रवाई जारी रखी थी। ... Read More
Source:
Rajasthan Ka Panchhi
Dated: Nov 05, 2024
सरकार के इस यू-टर्न के पीछे अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी)शिव मंगल शर्मा ने बताया कि अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एफिडेविट में वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह नहीं ली गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि एसीबी की तीन क्लोजर रिपोर्ट, जिनमें धारीवाल और अन्य अधिकारियों को क्लीन चिट दी गई थी, वे अपर्याप्त तथ्यों पर आधारित थीं और उन्हीं से प्रभावित थीं। हाईकोर्ट ने 17 जनवरी 2023 को संधू, दिवाकर और सैनी के खिलाफ केस वापस लेने के फैसले को सही ठहराया था। एएजी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस प्रकरण की समीक्षा के बाद इसे फिर से ट्रायल कोर्ट में भेजा जाना चाहिए। ... Read More
Source:
पत्रिका
Dated: Nov 05, 2024
सरकार ने नए शपथ पत्र में सुप्रीम कोर्ट से एसीबी की ओर से केस वापस लेने के फैसले को सही ठहराने और धारीवाल को राहत देने वाले हाईकोर्ट आदेश को रद्द करने का आग्रह किया। अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिवमंगल शर्मा ने बताया कि अप्रेल 2024 में बिना विधिक सलाह लिए अधिकारियों ने अपने स्तर पर शपथ पत्र पेश किया, सरकार ने केस के प्रभारी अधिकारी को बदल दिया। ... Read More
Source:
NDTV
Dated: Nov 05, 2024
Ekal Patta Case: एकल पट्टा मामले में राजस्थान सरकार पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची. राजस्थान सरकार ने नया हलफनामा पेश किया. प्रकरण में शांति धारीवाल के खिलाफ अभियोजन रद्द करने के खिलाफ जवाबी हलफनामा दायर किया है. राजस्थान सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने हलफनामा दायर किया है. संबंधित प्रकरण में पूर्व में पारित आदेश को अलग रखा जाने के लिए कहा गया है. ... Read More
Source:
ETV Bharat
Dated: Nov 04, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने बताया कि गत अप्रैल माह में पेश शपथ पत्र के दौरान उनसे सलाह नहीं ली गई थी. एसीबी ने तीन क्लोजर रिपोर्ट अदालत में पेश की थी, वे धारीवाल सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी. इन रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था. ऐसे में एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और तीसरी पर कोई निर्णय नहीं हुआ था. ... Read More
Source:
दैनिक भास्कर
Dated: Nov 04, 2024
सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट पेश करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएजी) शिव मंगल शर्मा ने बताया कि जो एफिडेविट अप्रैल 2024 में सुप्रीम कोर्ट में पेश किया गया था। उसमें वरिष्ठ अधिकारियों और उनसे सलाह नहीं ली गई थी। सरकार ने मामले से जुड़े केस अधिकारी को भी बदल दिया है। उन्होंने कहा- एसीबी ने जो तीन क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में पेश की थी। वो धारीवाल सहित अन्य अधिकारियों से प्रभावित थी। उन तीनों क्लोजर रिपोर्ट में सभी तथ्यों को शामिल नहीं किया गया था। यहीं वजह थी कि एसीबी कोर्ट ने दो क्लोजर रिपोर्ट खारिज कर दी थी। तीसरी क्लोजर रिपोर्ट पर एसीबी कोर्ट ने कोई निर्णय नहीं लिया था। ... Read More
Source:
First India News
Dated: Nov 04, 2024
#Delhi: एकल पट्टा प्रकरण में नया अपडेट
— First India News (@1stIndiaNews) November 4, 2024
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची राजस्थान सरकार, राजस्थान सरकार ने पेश किया नया हलफनामा...#FirstIndiaNews #ShantiDhariwal #SupremeCourt #RajasthanGovernment pic.twitter.com/0Giyb5d8qz
Source:
First India News
Dated: Nov 04, 2024
Source:
Hp News
Dated: Oct 30, 2024
जस्टिस सूर्यकांत व उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने माना कि आरोपी यूपी का रहने वाला है और उसके राजस्थान में चल रहे केस में अनुपस्थित रहने की भी संभावना है। लेकिन प्रार्थी को अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है। ऐसे में उसे सशर्त जमानत पर रिहा करना उचित है। अदालत ने आरोपी पर शर्त लगाई कि वह भविष्य में ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होगा। वहीं, अब राज्य सरकार जमानत रद्द करवाने के लिए 4 नवंबर को रिव्यू पीटिशन दायर करेगी। अब अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा इस मामले में पैरवी करेंगे। ... Read More
Source:
हिंदुस्तान ई-पेपर
Dated: Oct 30, 2024
अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा द्वारा इस मामले में मुख्य सचिव और गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने आरोपी के आपराधिक इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी नहीं आई। आरोपी के खिलाफ 7 मामले दर्ज है। जिनमें से चार समान प्रकृति के हैं। यदि ये जानकारी प्रस्तुत की गई होती, तो यह अदालत के निर्णय को प्रभावित कर सकती थी। क्योंकि आरोपी के जमानत का दुरुपयोग करने का रिकॉर्ड है। एएजी की सिफारिश के बाद अब राजस्थान सरकार ने आरोपी के पूरे आपराधिक इतिहास को अदालत के सामने लाने के उद्देश्य से एक पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया हैं। ताकि आरोपी की जमानत रद्द की जा सके और गौ तस्करी विरोधी कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके। ... Read More
Source:
A1TV
Dated: Oct 30, 2024
Source:
पत्रिका
Dated: Oct 30, 2024
जस्टिस सूर्यकांत व उज्ज्वल भुइयां की खंडपीठ ने माना कि आरोपी यूपी का रहने वाला है और उसके राजस्थान में चल रहे केस में अनुपस्थित रहने की भी संभावना है। लेकिन प्रार्थी को अनिश्चितकाल के लिए हिरासत में रखने का कोई औचित्य नहीं है। ऐसे में उसे सशर्त जमानत पर रिहा करना उचित है। अदालत ने आरोपी पर शर्त लगाई कि वह भविष्य में ट्रायल कोर्ट के समक्ष उपस्थित होगा। वहीं, अब राज्य सरकार जमानत रद्द करवाने के लिए 4 नवंबर को रिव्यू पीटिशन दायर करेगी। अब अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा इस मामले में पैरवी करेंगे। ... Read More
#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट से गौतस्कर को जमानत मिलने का मामला
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) October 29, 2024
गौतस्कर के खिलाफ सरकार दायर करेगी सुप्रीम कोर्ट में याचिका, जमानत रद्द कराने को लेकर दायर करेगी पुनर्विचार याचिका...#SupremeCourt @RajGovOfficial pic.twitter.com/uU59lB6dSd
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Oct 29, 2024
Source:
Raj Daily News
Dated: Oct 29, 2024
गौ तस्कर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब सरकार मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। याचिका में गौ तस्कर के आरोपी नाज़िम खान की जमानत रद्द करने की मांग की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा की सलाह के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर को नाज़िम खान को जमानत दी थी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में राज्य सरकार की ओर से ना तो किसी वकील का वकालतनामा पेश हुआ, ना ही कोई वकील सुनवाई के दौरान उपस्थित हुआ। आरोपी का जमानत के दुरुपयोग का रिकॉर्ड है अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा द्वारा इस मामले में मुख्य सचिव और गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने आरोपी के आपराधिक इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी नहीं आई। आरोपी के खिलाफ 7 मामले दर्ज है। ... Read More
Source:
दैनिक भास्कर
Dated: Oct 30, 2024
अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा द्वारा इस मामले में मुख्य सचिव और गृह सचिव को लिखे पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने आरोपी के आपराधिक इतिहास से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी नहीं आई। आरोपी के खिलाफ 7 मामले दर्ज है। जिनमें से चार समान प्रकृति के हैं। यदि ये जानकारी प्रस्तुत की गई होती, तो यह अदालत के निर्णय को प्रभावित कर सकती थी। क्योंकि आरोपी के जमानत का दुरुपयोग करने का रिकॉर्ड है। एएजी की सिफारिश के बाद अब राजस्थान सरकार ने आरोपी के पूरे आपराधिक इतिहास को अदालत के सामने लाने के उद्देश्य से एक पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लिया हैं। ताकि आरोपी की जमानत रद्द की जा सके और गौ तस्करी विरोधी कानूनों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जा सके। ... Read More
Source:
लाइव हिन्दुस्तान
Dated: Oct 29, 2024
गौ तस्कर को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद अब राजस्थान की भजनलाल सरकार मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी। याचिका में गौ तस्कर के आरोपी नाज़िम खान की जमानत रद्द करने की मांग की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा की सलाह के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर को नाज़िम खान को जमानत दी थी। अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में राज्य सरकार की ओर से ना तो किसी वकील का वकालतनामा पेश हुआ, ना ही कोई वकील सुनवाई के दौरान उपस्थित हुआ। ... Read More
Source:
First India News
Dated: Oct 29, 2024
जयपुर: भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार गौ-तस्कर को जमानत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. AAG शिवमंगल शर्मा ने सरकार को मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने का सुझाव दिया था. जिस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा को सरकार से अनुमति मिल गई है. आगामी दिनों में आरोपी की जमानत के खिलाफ सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. पिछले दिनों नाडोली (करौली) के गौ-तस्करी के आरोपी नाजिम खान को SC से जमानत मिली थी. राजस्थान सरकार की तरफ से किसी अधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने से आरोपी को जमानत मिली थी. ... Read More
#Delhi: भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला
— First India News (@1stIndiaNews) October 29, 2024
गौ-तस्कर को जमानत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी सरकार, पिछले दिनों फर्स्ट इंडिया पर प्रसारित खबर पर....#FirstIndiaNews @BhajanlalBjp @BJP4Rajasthan pic.twitter.com/iHjHliY6bn
Source:
First India News
Dated: Oct 29, 2024
Source:
First India News
Dated: Oct 29, 2024
Source:
First India News
Dated: Oct 29, 2024
जयपुर: भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार गौ-तस्कर को जमानत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. AAG शिवमंगल शर्मा ने सरकार को मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने का सुझाव दिया था. जिस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा को सरकार से अनुमति मिल गई है. आगामी दिनों में आरोपी की जमानत के खिलाफ सरकार पुनर्विचार याचिका दायर करेगी. पिछले दिनों नाडोली (करौली) के गौ-तस्करी के आरोपी नाजिम खान को SC से जमानत मिली थी. राजस्थान सरकार की तरफ से किसी अधिवक्ता के उपस्थित नहीं होने से आरोपी को जमानत मिली थी. ... Read More
Source:
Organiser
Dated: Oct 25, 2024
The court further reviewed submissions made by Additional Solicitor General K M Natraj on behalf of Uttar Pradesh and Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, representing Rajasthan. These officials contended that the demolitions in question were lawful and did not breach the court’s earlier instructions. ... Read More
Source:
पत्रिका
Dated: Oct 25, 2024
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने उत्तरप्रदेश सरकार और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने राजस्थान सरकार का पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि बुलडोजर कार्रवाई से याचिकाकर्ता संगठन निजी तौर पर कैसे प्रभावित हुआ है और उनकी ओर से कोई ठोस साक्ष्य भी पेश नहीं किया गया। शर्मा ने कहा कि जयपुर के जिस मामले का हवाला दिया है, वह सुविधा क्षेत्र में बने एक कमरे से संबंधित है। आरोपी का घर नहीं है। ... Read More
Source:
The Times of India
Dated: Oct 25, 2024
Rajasthan govt's additional advocate general (AAG) Shiv Mangal Sharma said the petition alleged the de molition of the house of a man accused of attacking 10 RSS workers at a Sharad Purnima event in Jaipur on Oct 17 was in violation of SC orders of Sept 17 and Oct 1. ... Read More
Source:
HP NEWS
Dated: Oct 24, 2024
गुरुवार (24 अक्तूबर) को सुप्रीम कोर्ट में तीन न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पेश की गई. इसमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व आदेशों का उल्लंघन कर अवैध विध्वंस का आरोप लगाया गया था. याचिका नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वूमेन ने दायर की थी. सुनवाई में उत्तर प्रदेश की ओर से उपस्थित अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज और राजस्थान की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने दलीलें रखीं. ... Read More
Source:
महानगर टाइम्स
Dated: Oct 24, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उनकी अनुमति के बिना देशभर में कहीं पर भी विध्वंस नहीं होना चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि यह पाबंदी सार्वजनिक स्थानों जैसे रोड, गलियां, फुटपाथ, रेलवे लाइन या जल निकायों के पास स्थित संपत्तियों पर नहीं थी। मामले की सुनवाई के दौरान यूपी राज्य की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज और राजस्थान की ओर से एएजी शिवमंगल शर्मा उपस्थित हुए। उनकी ओर से कहा गया कि बुलडोजर की कार्रवाई से याचिकाकर्ता संगठन निजी तौर पर कैसे प्रभावित हुआ है और उनकी ओर से कोई ठोस साक्ष्य भी पेश नहीं किए गए है। ऐसे में अवमानना याचिका को खारिज किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने अवमानना याचिका को खारिज कर दिया है। ... Read More
Source: जनसत्ता
Dated: Oct 24, 2024
सुनवाई के दौरान पीठ ने उत्तर प्रदेश की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज और राजस्थान की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा की दलीलें सुनने के बाद सवाल किया कि याचिकाकर्ता कथित ध्वस्तीकरण से व्यक्तिगत रूप से कैसे व्यथित थे। ... Read More
Source: Swarajya
Dated: Oct 24, 2024
While hearing the case, the bench, after considering the arguments of Additional Solicitor General K M Natraj for Uttar Pradesh and Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma for Rajasthan, questioned how the petitioner was personally aggrieved by the alleged demolitions. ... Read More
Source: Indian Express
Dated: Oct 24, 2024
During the hearing, the bench, after listening to submissions from Additional Solicitor General K M Natraj, representing Uttar Pradesh, and Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, representing Rajasthan, questioned how the petitioner was personally aggrieved by the alleged demolitions. ... Read More
Source: NDTV MP|CG
Dated: Oct 23, 2024
राजस्थान सरकार की ओर से AAG शिव मंगल शर्मा ने प्रतिनिधित्व किया, जबकि इस मामले में एमिकस क्यूरी और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के वकील भी शामिल थे. शिव मंगल शर्मा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय एक प्रगतिशील कदम है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि विचाराधीन कैदियों और अन्याय के शिकार पीड़ितों को उचित कानूनी प्रतिनिधित्व मिले, जिससे भारत में न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो सके. ... Read More
Source: Lagatar
Dated: Oct 23, 2024
राजस्थान सरकार की ओर से एएजी शिव मंगल शर्मा ने प्रतिनिधित्व किया, जबकि इस मामले में एमिकस क्यूरी और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण के वकील भी शामिल थे. विजय हंसरिया, वरिष्ठ अधिवक्ता (एमिकस) और नंदिनी राय, वकील ने नालसा की ओर से पेश हुए. शिव मंगल शर्मा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय एक प्रगतिशील कदम है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि विचाराधीन कैदियों और अन्याय के शिकार पीड़ितों को उचित कानूनी प्रतिनिधित्व मिले, जिससे भारत में न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो सके. ... Read More
Source: NDTV
Dated: Oct 23, 2024
राजस्थान सरकार की ओर से AAG शिव मंगल शर्मा ने प्रतिनिधित्व किया, जबकि इस मामले में एमिकस क्यूरी और राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के वकील भी शामिल थे. विजय हंसरिया, वरिष्ठ अधिवक्ता (एमिकस) और नंदिनी राय, वकील ने नालसा की ओर से पेश हुए. शिव मंगल शर्मा के अनुसार सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय एक प्रगतिशील कदम है, जो यह सुनिश्चित करेगा कि विचाराधीन कैदियों और अन्याय के शिकार पीड़ितों को उचित कानूनी प्रतिनिधित्व मिले, जिससे भारत में न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो सके. ... Read More
Source: First India
Dated: Oct 10, 2024
A show-cause notice was also issued, demanding a response within two months. The government has sought legal opinion from the Supreme Court, asking Additional Advo- cate Shiv Mangal Sharma to provide legal advice after reviewing the case. ... Read More
Source: India Post Live
Dated: Oct 09, 2024
In response to the NGT’s orders, the Rajasthan Government has escalated the issue by forwarding the relevant files to Shiv Mangal Sharma, the Additional Advocate General. Sharma is now advising the government on the necessary steps to comply with the tribunal’s directives. It is noteworthy that the Rajasthan government was represented in the case by Prachi Mishra, appointed by the previous administration. ... Read More
Source: News18
Dated: Oct 10, 2024
जयपुरः एनजीटी ने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन में गैर-अनुपालन के लिए राजस्थान सरकार पर ₹746.88 करोड़ का जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने आपातकालीन कदम उठाने और सरकार को सलाह देने के लिए एएजी शिव मंगल शर्मा को फाइलें भेजी गई. यह आदेश ठोस अपशिष्ट के मामले में राज्य सरकार द्वारा बरती गई लापरवाही और सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को खतरे में डालने के मामले में लगाया है. ... Read More
Source: News Nine
Dated: Oct 9, 2024
In response to the NGT’s orders, the Rajasthan Government has escalated the issue by forwarding the relevant files to Shiv Mangal Sharma, the Additional Advocate General. Sharma is now advising the government on the necessary steps to comply with the tribunal’s directives. It is noteworthy that the Rajasthan government was represented in the case by Prachi Mishra, appointed by the previous administration. ... Read More
#Delhi: NGT के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी राजस्थान सरकार !
— First India News (@1stIndiaNews) October 9, 2024
पिछले वर्षों में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट पर असफल रही राजस्थान सरकार, प्रकरण में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बेंच दिल्ली ने...#FirstIndiaNews pic.twitter.com/XLgMFGDftr
Source:
First India News
Dated: Oct 09, 2024
Source: Udaipur Times
Dated: Oct 4, 2024
Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, representing the state government, argued that the order was issued in compliance with the National Tiger Conservation Authority (NTCA) guidelines. He informed that the leopard had already claimed several lives after biting off parts of the body and then killing them. The situation in the area is tense, which makes the decision crucial. A specific village area in Udaipur had been identified for action. ... Read More
Source: INDIA न्यूज़
Dated: Oct 3, 2024
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने राज्य और वन विभाग की ओर से कोर्ट को बताया, ‘यह आदेश राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की तस्वीरों के मुताबिक था। पैंथर ने अब तक 7 लोगों को मार डाला है। वे पहले इंसानों के हाथ काटते हैं और फिर लीडर पर हमला कर उसे मार देते हैं। इससे आम लोगों को खतरा है। ‘इसलिए देखते ही गोली मारने का फैसला जरूरी था।’ ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Oct 4, 2024
मामले में राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने कहा कि यह आदेश राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के दिशा निर्देशों के अनुपालन में दिया गया है। उन्होंने बताया कि तेंदुआ पहले ही कई लोगों की जान ले चुका है और उसने पहले इंसानों के हाथ काटने और फिर उसे मारने की अजीब आदत प्रदर्शित की है। ... Read More
Source: Rajasthan First News
Dated: Oct 3, 2024
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने राज्य और वन विभाग की ओर से अदालत में कहा, "यह आदेश राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइन के अनुसार था। तेंदुआ पहले ही 7 लोगों की जान ले चुका है। उसने पहले इंसानों के हाथ काटे हैं और फिर गर्दन पर हमला करके उनकी जान ले ली है। जनता खौफ में है। इसलिए शूट एट साइट का फैसला जरूरी था। ... Read More
Source: NDTV राजस्थान
Dated: Oct 3, 2024
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने राज्य एवं वन विभाग की ओर से कोर्ट में कहा, 'यह आदेश राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइन के अनुसार था. तेंदुआ पहले ही 7 लोगों की जान ले चुका है. उसने पहले इंसानों के हाथ काटे हैं और फिर गर्दन पर हमला करके उनकी जान ले ली है. जनता खौफ में है. इसलिए शूट एट साइट का फैसला जरूरी था.' ... Read More
Source: PV प्रैस वाणी
Dated: Oct 3, 2024
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने राज्य एवं वन विभाग की ओर से कोर्ट में कहा, यह आदेश राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की गाइडलाइन के अनुसार है। तेंदुआ 8 लोगों की जान ले चुका है। उसने पहले इंसानों के हाथ काटे हैं और फिर गर्दन पर हमला करके उनकी जान ले ली है। जनता खौफ में है। इसलिए शूट एट साइट का फैसला जरूरी था। ... Read More
Source: नव भारत टाइम्स
Dated: Oct 3, 2024
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने इस याचिका का जबाब देते हुए जज के सामने अपनी बात रखी है। उन्होंने बताया कि राज्य एवं वन विभाग की ओर से कोर्ट में कहा, 'यह आदेश राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की गाइडलाइन के अनुसार था। तेंदुआ पहले ही 7 लोगों की जान ले चुका है। उसने पहले इंसानों के हाथ काटे हैं और फिर गर्दन पर हमला करके उनकी जान ले ली है। जनता खौफ में है, इसलिए शूट एट साइट का फैसला जरूरी था'। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Oct 4, 2024
Additional advocate general Shiv Mangal Sharma, who represented the state and forest department, argued, "The Oct 1 order complies with national tiger conservation authority (NTCA) guidelines. The leopard in question has already claimed seven lives and exhibited a peculiar habit of first severing the hands of its victims before killing them. There was public unrest and the decision was crucial. A specific village area in Udaipur had been identified where only this leopard had been sighted." Sharma assured the apex court that all possible efforts would be made to first tranquilise and capture the leopard. "However, if necessary, as a last resort, the animal would be killed," he added. ... Read More
#Delhi: सांगानेर स्थित ओपन जेल की जमीन पर अस्पताल बनाए जाने का मामला
— First India News (@1stIndiaNews) September 30, 2024
मामले में राज्य सरकार की ओर से किया सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा.... #RajasthanWithFirstIndia @RajGovOfficial @vyaskamalkant pic.twitter.com/8gCHeOtkvF
Source:
First India News
Dated: Sep 30, 2024
Source: लल्लूराम
Dated: Oct 1, 2024
Rajasthan News: सांगानेर स्थित ओपन जेल की जमीन पर अस्पताल निर्माण के मामले में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश किया, जिसमें कहा गया कि ओपन जेल की आवास क्षमता 410 को कम किए बिना 14,940 वर्गमीटर अतिरिक्त जमीन जेल के लिए आवंटित की जाएगी। साथ ही, 22,232 वर्गमीटर जमीन तीन सौ बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण के लिए आवंटित की जाएगी। ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Oct 1, 2024
सांगानेर स्थित देश की पहली ओपन एयर जेल की जमीन पर हॉस्पिटल बनाए जाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की की सख्ती के बीच राज्य सस्कार की ओर से सोमबार प को जवाब पेश किया गया। राज्य के एएजी शिवमंगल शर्मा की ओर से पेश जवाब में कहा कि ओपन जेल के लिए 14,940 वर्ग मीटर जमीन का आवंटन और किया जाएगा। वहीं इसकी आवास क्षमता को 410 से कम नहीं किया जाता। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Oct 1, 2024
Additional Advocate Ge- neral Shiv Mangal Sharma, who represented the state govt, said no unauthorised re- duction of land has taken pla- ce at the jail. Sharma clarifi- ed the state govt's response before the SC bench of Justi ce B R Gavai and Justice KV Viswanathan on Monday on a petition filed by Prasun Gos- wami, a human rights acti- vist. ... Read More
Source: ETV Bharat
Dated: Sep 30, 2024
जयपुर: सांगानेर स्थित ओपन जेल की जमीन पर अस्पताल बनाए जाने के मामले में राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब पेश किया गया. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने जवाब पेश कर कहा कि ओपन जेल के लिए 14,940 वर्गमीटर जमीन का और आवंटन किया जाएगा. इसकी वर्तमान आवास क्षमता 410 को कम नहीं किया जाएगा. इसके अलावा जेल के पास की 22,232 वर्गमीटर जमीन का आवंटन तीन सौ बैड के अस्पताल के लिए किया जाएगा. ... Read More
Source: राष्ट्रदूत
Dated: Sep 28, 2024
जयपुर : 27 सितंबर। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में राज्य सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस ही करेगी और वे भी इसमें सहयोग करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओ.एस. डी. रहे लोकेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से ए.ए.जी. शिवमंगल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ते अधिकारिक तौर पर इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से जांच करने संबंधी मुकदमा वापस ले लिया है। ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Sep 28, 2024
जयपुर : केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टेपिंग मामले में राज्य सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस ही करेगी। सरकार इसमें सहयोग करेगी। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई हो रही थी। प्रदेश की ओर से एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने अधिकारिक तौर पर दिल्ली पुलिस की जांच के विरुद्ध मुकदमा को वापस ले लिया है। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Sep 28, 2024
The development was shared in Delhi high court by Rajasthan govt's additional advocate general (AAG) Shiv Mangal Sharma. "This will now allow the Delhi Police to proceed with its investigation against Sharma," he said. ADVERTISEMENT SBMiate The AAG added that the state govt will cooperate with Delhi Police, offering any assistance or evidence required to complete the investigation. The bench of Justice Aneesh Dayal took note of Rajasthan govt's revised stance. The next hearing of the case is scheduled for Nov 14. ... Read More
Source: जनमानस शेखावाटी
Dated: Sep 27, 2024
जयपुर : फोन टैपिंग मामले में राजस्थान सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि उसे फोन टैपिंग मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच के जांच करने से कोई आपत्ति नहीं है। राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने हाईकोर्ट में गवर्नमेंट का यह रुख साफ किया। ... Read More
Source: हिन्दुस्थान समाचार
Dated: Sep 27, 2024
जयपुर, 27 सितंबर (हि.स.)। केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत फोन टेपिंग मामले में राज्य सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस ही करेेगी और वे भी इसमें सहयोग करेंगे। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने अधिकारिक तौर पर इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से जांच करने संबंधी मुकदमा को वापस ले लिया है। ... Read More
Source: महानगर टाइम्स
Dated: Sep 27, 2024
फोन टैपिंग मामले में राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि राज्य सरकार ने आधिकारिक रूप से सुप्रीम कोर्ट से अपना मुकदमा वापस ले लिया है। शर्मा ने हालिया घटनाक्रमों को रिकॉर्ड पर रखा और बताया कि सुप्रीम कोर्ट में राज्य द्वारा दायर मुकदमा, जिसमें दिल्ली पुलिस की एफआईआर की जांच करने के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी गई थी, वापस ले लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अब राजस्थान सरकार को दिल्ली पुलिस द्वारा जांच पूरी करने में कोई आपत्ति नहीं है। ... Read More
Source: तरुणमित्र
Dated: Sep 27, 2024
पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य की ओर से एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने अधिकारिक तौर पर इस मामले में दिल्ली पुलिस की ओर से जांच करने संबंधी मुकदमा को वापस ले लिया है। ऐसे में उन्हें इस केस में दिल्ली पुलिस की ओर से जांच करने पर कोई भी आपत्ति नहीं है और वह भी उन्हें सहयोग करेगी। वहीं दिल्ली पुलिस की ओर से सीनियर एडवोकेट संजय जैन ने कहा कि मामले की परिस्थितियों में बदलाव हो गया है। ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Sep 27, 2024
फोन टैपिंग मामले में राजस्थान सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि उसे फोन टैपिंग मामले में दिल्ली क्राइम ब्रांच के जांच करने से कोई आपत्ति नहीं है। राज्य सरकार की ओर से शुक्रवार को अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने हाईकोर्ट में गवर्नमेंट का यह रुख साफ किया। ... Read More
Source: अमर उजाला
Dated: Sep 27, 2024
गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में एक बड़े कानूनी घटनाक्रम के तहत राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने आज शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया कि राज्य सरकार ने आधिकारिक रूप से सुप्रीम कोर्ट से अपना मुकदमा वापस ले लिया है। इस कदम के साथ राजस्थान सरकार के रुख में बड़ा बदलाव आया है। अब दिल्ली पुलिस को इस विवादास्पद एफआईआर की जांच जारी रखने की अनुमति मिल गई है, जिसे रद्द करने के लिए लोकेंद्र शर्मा ने याचिका दायर की थी। ... Read More
Source:
News18 Rajasthan
Dated: Sep 27, 2024
Source: First India News
Dated: Sep 27, 2024
#Delhi: लोकेश शर्मा से जुड़ा फोन टैपिंग प्रकरण
— First India News (@1stIndiaNews) September 27, 2024
दिल्ली हाईकोर्ट में राजस्थान सरकार ने पेश किया नया हलफनामा, जिसके बाद लोकेश शर्मा की बढ सकती मुश्किलें...#FirstIndiaNews #DelhiHighCourt @_lokeshsharma pic.twitter.com/VGIqvL6qni
Source:
First India News
Dated: Sep 27, 2024
Source: भारत EXPRESS
Dated: Sep 26, 2024
मामले की सुनवाई के दौरान महिला की ओर से पेश वकील शिव मंगल शर्मा ने दलील देते हुए ऐसे गंभीर अपराध के मामले में एफआईआर और चार्जशीट को रद्द करने की याचिका सुनवाई योग्य नही है. उन्होंने कहा कि बिना शिकायतकर्ता का पक्ष सुने इन आरोपों को खारिज नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह मामला गंभीर आरोपों से जुड़ा हुआ है. ... Read More
Source: आपका राजस्थान
Dated: Sep 26, 2024
महिला की ओर से पेश हुए वकील शिव मंगल शर्मा ने कहा कि ऐसे गंभीर अपराध के मामले में एफआईआर और चार्जशीट को रद्द करने की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. उन्होंने कहा कि बिना शिकायतकर्ता का पक्ष सुने इन आरोपों को खारिज नहीं किया जाना चाहिए, क्योंकि यह मामला गंभीर आरोपों से जुड़ा हुआ है. साथ ही यह भी बताया कि राजस्थान में जोशी के सत्ता में रहते हुए महिला पर झूठे केस दायर करके उसे शिकायत वापस लेने के लिए दबाव डाला गया. ... Read More
Source: The Indian EXPRESS
Dated: Sep 27, 2024
The complainant woman was represented by advocate Shiv Mangal Sharma, who also serves as the Additional Advocate General for Rajasthan. Sharma said that the plea to quash the FIR and chargesheet in such heinous crime is not maintainable. The charges should not be dismissed without hearing the complainant’s side, as the case involves serious accusations, and that attempts were made to mount pressure on the woman into withdrawing her complaint by filing cases against her in Rajasthan when Joshi was in power in the previous regime. ... Read More
Source: : PoliTalks
Dated: Sep 26, 2024
पॉलिटॉक्स न्यूज़, जैसा की नाम से ही पता चलता है, सिर्फ और सिर्फ राजनीति से जुड़ी खबरों का एक मात्र प्लेटफॉर्म. हमारी कोशिश है कि देश और प्रदेश की राजनीति की से जुड़ी हर खबर के अंदर की खबर से हम आपको बाख़बर कर पाएं और हमारे इस प्रयास को जिस तरह से पिछले 5 साल में आपने सराहा है उसके लिए पॉलिटॉक्स की पूरी टीम आपका तहेदिल से शुक्रिया अदा करती है ... Read More
Source: PoliTalks News
Dated: Sep 26, 2024
इस मामले में पीड़िता की तरफ से अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा रहे उपस्थित, पीड़िता के वकील ने कहा- जीरो एफआईआर को रेगुलर FIR में दर्ज करना नहीं है गैरकानूनी, बिना शिकायतकर्ता का पक्ष सुने इन आरोपों को नहीं किया जाना चाहिए खारिज, क्योंकि यह मामला जुड़ा हुआ है गंभीर आरोपों से, राजस्थान में जोशी के सत्ता में रहते हुए महिला पर झूठे केस दायर करके उसे शिकायत वापस लेने के लिए डाला गया दबाव, कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई तय की है 25 अक्टूबर को, बता दें पूर्व मंत्री महेश जोशी के बेटे रोहित जोशी पर पीड़िता ने 9 मई 2022 को दिल्ली के सदर बाजार पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई थी ... Read More
Source: Patrika
Dated: Sep 27, 2024
शिकायतकर्ता को रोहित के विवाहित होने की जानकारी होने के बावजूद उसने शादी के लिए दवाब डाला। उसने रोहित पर पत्नी से तलाक लेने के लिए भी दवाब बनाया। उधर, शिकायतकर्ता की ओर से एडवोकेट शिवमंगल शर्मा ने कहा कि इस मामले में बलात्कार सहित कई गंभीर आरोप होने के कारण एफआईआर व चार्जशीट को रद्द करने वाली याचिका सुनवाई किए जाने योग्य नहीं है। ... Read More
Source: First India News
Dated: Sep 26, 2024
#Delhi: सरिस्का मामले में सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार का हलफनामा पेश
— First India News (@1stIndiaNews) September 18, 2024
सीईसी की सिफारिशों के कुछ बिंदुओं पर जताई सहमति, वहीं प्रकरण में अनिल जाधव द्वारा दायर की गई एक नई याचिका... #RajasthanWithFirstIndia #SupremeCourt pic.twitter.com/79WUo3PfY3
Source:
First India News
Dated: Sep 18, 2024
Source: Verdictum
Dated: Sep 17, 2024
Petitioner appeared in person, whereas ASG Aishwarya Bhati and AAG Shiv Mangal Sharma appeared for the Respondents. ... Read More
Source: The Indian EXPRESS
Dated: Sep 18, 2024
The State of Rajasthan, represented by Solicitor General of India Tushar Mehta and Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, opposed these claims. They argued that the applicants had not filed formal applications concerning these incidents and emphasised that such contentions could not be raised without proper procedure. ... Read More
Source: India News
Dated: Sep 11, 2024
राज्य सरकार ने राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा की सलाह पर याचिका दायर की थी। भजन लाल सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद अब दिल्ली क्राइम ब्रांच इस मामले में नए सिरे से जांच शुरू करेगी। ऐसे में इस मामले में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा समेत कई लोगों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। ... Read More
Source: ETV Bharat
Dated: Sep 11, 2024
राज्य सरकार ने एएसजी शिवमंगल शर्मा से चर्चा कर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के खिलाफ दायर इस केस को वापस लेने का निर्णय लिया था. दरअसल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के कथित फोन टैपिंग मामले में मंगलवार को नया मोड़ है. कोर्ट ने इस मामले में राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से दायर याचिका को मंजूर कर लिया. वहीं, सुप्रीम कोर्ट में यह मामला प्रदेश की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय दर्ज किया गया था. तब गहलोत सरकार ने गजेंद्र सिंह शेखावत के फोन टैपिंग से जुड़े मामले में दिल्ली पुलिस को राजस्थान में जांच से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. ... Read More
Source: राष्ट्रदूत
Dated: Sep 11, 2024
सुप्रीम कोर्ट से इस मूल केस को जारी रखने या नहीं रखने को लेकर समय मांगा था। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने ए.ए. जी. शिवमंगल शर्मा से चर्चा सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार के खिलाफ, दायर इस केस को वापस लेने का निर्णय लिया था। ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Sep 11, 2024
भजनलाल सरकार ने की ओर से 20 जुलाई को अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र लगाकर कहा था कि यह मुकदमा मेरिट पर आगे नहीं चल सकता है। ऐसे में न्याय के हित में और न्यायालय का कीमती समय बचाने के लिए राज्य सरकार ने यह मुकदमा वापस लेना चाहती हैं। ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Sep 11, 2024
JAIPUR: Supreme Court has permitted Rajasthan govt to withdraw a suit filed by the previous Ashok Gehlot-led Cong dispensation, which challenged the jurisdiction of Delhi Police to investigate the alleged phone-tapping incident involving Union minister Gajendra Singh Shekhawat. Gehlot govt had prayed that Rajasthan Police be allowed to investigate the case. Justice SVN Bhatti granted permission to withdraw the suit after state govt moved an application through additional advocate general Shiv Mangal Sharma, stating there was no merit in the case. ... Read More
Source: Khas Khabar
Dated: Sep 10, 2024
भजनलाल सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा की सलाह पर याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा याचिका की मंजूरी के बाद, दिल्ली क्राइम ब्रांच अब इस मामले में नए सिरे से जांच शुरू करेगी। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा समेत कई लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। ... Read More
Source: First India News
Dated: Sep 10, 2024
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Sep 10, 2024
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा की सलाह पर राज्य सरकार ने याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा भजनलाल सरकार की याचिका को मंजूर किए जाने के बाद अब इस मामले में नए सिरे से दिल्ली क्राइम ब्रांच जांच शुरू करेगी. ऐसे में इस मामले में पूर्व सीएम अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा सहित कई लोगों की मुश्किले बढ़ेगी. ... Read More
Source: NDTV Rajasthan
Dated: Sep 2, 2024
Udaipur Bulldozer Action Case: सुप्रीम कोर्ट में उदयपुर में पिछले महीने हुई चर्चित चाकूबाजी (Knife Crime) की घटना में हुई बुलडोजर कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. वहां एक स्कूली छात्र ने अपनी ही क्लास के दूसरे छात्र पर चाकू चला दिया था. इस घटना के बाद बड़ा हंगामा हुआ और उदयपुर प्रशासन ने घटना के अगले दिन उस घर को बुलडोजर चला कर ध्वस्त कर दिया जहां आरोपी छात्र का परिवार किराए पर रहता था. 18 अगस्त को हुए इस हमले में घायल छात्र की चार दिन बाद मौत हो गई थी. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Aug 13, 2024
Additional advocate general Shiv Mangal Sharma countered in court that the petitioners were raising this point only as an afterthought to avoid legal consequences of their actions. ... Read More
Source: अमर उजाला
Dated: Aug 13, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय देते हुए कहा कि एसओजी आरोपियों को पूछताछ के लिए लाई थी, उसके बाद पर्याप्त सबूत होने पर ही इन्हें गिरफ्तार करके 24 घंटे में आरोपियों को कोर्ट में पेश भी कर दिया। पुलिस ने कानून का उल्लंघन नहीं किया है। गौरतलब है कि आरोपियों ने सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया था। इसके पहले हाईकोर्ट ने भी 8 मई को आरोपियों की जमानत रद्द कर दी थी। मामले में अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कहा कि आरोपियों ने केवल कानूनी परिणामों से बचने के लिए यह कदम उठाया। मामले में चालान पहले ही पेश हो चुका है, आरोपी ट्रायल से बचना चाहते हैं। ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Aug 13, 2024
सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा-2021 के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार 11 ट्रेनी एसआई और एक कॉन्स्टेबल को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पंकज मित्थल की बेंच ने आरोपियों की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज करते हुए कहा- इन्होंने गंभीर अपराध किया है। इन्होंने लाखों प्रतिभाशाली लोगों की भावनाओं के साथ खेला है। ... Read More
Source: ETV Bharat
Dated: Aug 12, 2024
जयपुरः सुप्रीम कोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में एसओजी की ओर से की गई आरोपियों की गिरफ्तारी की कार्रवाई को सही माना है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को जमानत से इनकार करते हुए उनकी एसएलपी खारिज कर दी. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पंकज मित्थल की खंडपीठ ने यह आदेश आरोपी सुभाष विश्नोई व अन्य की एसएलपी पर दिए. ... Read More
Source: First India News
Dated: Aug 12, 2024
जयपुरः SI भर्ती पेपर लीक प्रकरण में SOG की सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत हुई है. जहां सुप्रीम कोर्ट ने SI भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक प्रकरण में SOG की जांच को सही माना है. जस्टिस पीएस नरसिम्हा के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने याचिका को खारिज किया. निचली अदालत को लेकर दिए हाईकोर्ट के फैसले को बहाल किया. ... Read More
Source: लाइव हिंदुस्तान
Dated: Aug 12, 2024
राजस्थान में एसआई भर्ती पेपर लीक मामले में बड़ा अपडेट आया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पीएस नरसिम्हा के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने याचिका खारिज की। निचली अदालत को लेकर हाईकोर्ट के फैसले को किया बहाल। जिन ट्रेनी एसआई को गिरफ्तार किया था, पूरा प्रकरण सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने एसओजी के पक्ष में फैसला दिया।सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अभियुक्तों की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है। उनकी जमानत की अपील को ठुकरा दिया है। सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की जिसमें राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने दलील दी जिन्हें अदालत ने सही ठहराया। ... Read More
Source: NDTV
Dated: Aug 12, 2024
Rajasthan SI Paper Leak Case: राजस्थान में SI भर्ती पेपर लीक मामले में भजनलाल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी जीत मिली है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले में अभियुक्तों की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है और उनकी जमानत की अपील को ठुकरा दिया है. सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पंकज मित्थल की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की जिसमें राजस्थान सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (AAG) शिव मंगल शर्मा ने दलील दी जिन्हें अदालत ने सही ठहराया ... Read More
#Jaipur: SI भर्ती पेपर लीक प्रकरण में SOG की सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत
— First India News (@1stIndiaNews) August 12, 2024
SI भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक प्रकरण में SOG की जांच को माना सही, सुप्रीम कोर्ट जस्टिस पीएस नरसिम्हा के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने...#RajasthanWithFirstIndia @jaipur_police #SupremeCourt @satyatv99_news pic.twitter.com/6Y6hCFPVcY
Source:
First India News
Dated: Aug 12, 2024
#Jaipur: सुप्रीम कोर्ट से बड़ी खबर
— Sach Bedhadak (@SachBedhadak) August 12, 2024
एसआई पेपर लीक कांड से जुड़ी बड़ी खबर, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की जमानत याचिका की खारिज...#SupremeCourt #SIPaperLeakCase #SachBedhadak pic.twitter.com/U30a2z2iEc
Source:
Sach Bedhadak
Dated: Aug 12, 2024
Source: : First India News
Dated: Aug 12, 2024
SI भर्ती पेपर लीक प्रकरण में SOG की सुप्रीम कोर्ट में बड़ी जीत, SI भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक प्रकरण में SOG की जांच को माना सही, सुप्रीम कोर्ट जस्टिस पीएस नरसिम्हा के नेतृत्व वाली खंडपीठ ने खारिज की याचिका, निचली अदालत को लेकर दिए हाईकोर्ट के फैसले को किया बहाल, जिन ट्रेनी SI को किया गया था गिरफ्तार , उनकी तरफ से एडवोकेट सिद्धार्थ लुंथरा, सिद्धार्थ दवे ने की थी पैरवी, पूरा प्रकरण सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दिया SOG के पक्ष में फैसला, राज्य सरकार की ओर से AAG शिवमंगल शर्मा ने रखा पक्ष ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Aug 8, 2024
Jaipur: Supreme Court on Wednesday directed Rajasthan govt to consider implementing strict access control measures for the Pandupole Hanuman Temple inside Sariska Tiger Reserve. These include replacing private vehicles with electric shuttle buses by 2025, tightening regulations on hotels and resorts in the buffer zone, and enhancing tiger habitat management while increasing the number of field staff. ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Aug 8, 2024
राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि वह साल 2025 तक सरिस्का टाइगर रिजर्व स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर में यात्रियों की आवाजाही के लिए निजी वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक शटल बस चलाएगी। ... Read More
Source: News18
Dated: Aug 8, 2024
अलवर. राजस्थान के अलवर जिले में सरिस्का टाइगर रिजर्व में स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर को लेकर देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं. कोर्ट ने कहा है कि पांडुपोल हनुमान मंदिर में प्रवेश को लेकर सख्त नियमों के साथ प्रभावी कार्रवाई करें. आगामी साल 2025 तक वहां निजी वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक शटल बसें चलाने समेत टाइगर रिजर्व के बफर जोन में होटलों और रिसोर्ट्स को लेकर भी नियमों में सख्ती बरती जाए. इसके अलावा रिजर्व में बाघों के आवास प्रबंधन से जुड़ी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए फील्ड स्टाफ की संख्या बढ़ाई जाए. ... Read More
Source: NDTV
Dated: Aug 7, 2024
Pandupol Hanuman Temple: अलवर के पांडुपोल हनुमान जी के मंदिर तक जाने के लिए निजी वाहनों के इस्तेमाल पर अब रोक लगेगी. अब मंदिर तक शटल बसें शुरू की जाएंगी. सुप्रीम कोर्ट ने सरिस्का टाइगर रिजर्व में पांडुपोल हनुमान मंदिर के लिए सीईसी की सिफारिशों की समीक्षा की. जिसमें इलेक्ट्रिक शटल बसें, बफर जोन के लिए कड़े नियम और हैबिटेट प्रबंधन में सुधार के लिया कहा गया है. सरिस्का क्षेत्र में अनाधीकृत रूप से बने निर्माण कार्यों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं. ... Read More
Source: Hindusthan Samachar
Dated: Aug 7, 2024
नई दिल्ली/ जयपुर, 7 अगस्त (हि.स.)। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि वह साल 2025 तक सरिस्का टाइगर रिजर्व स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर में यात्रियों की आवाजाही के लिए निजी वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक शटल बसें चलाएगी। जिससे टाइगर के आवास और मंदिर जाने वाले दर्शनार्थियों की भावनाओं के बीच संतुलन बना रहे। वहीं राज्य सरकार बफर जोन में चल रहे होटल व रिसॉर्ट्स संचालन का भी परीक्षण करेगी और अवैध पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह आश्वासन राज्य सरकार के एएजी शिवमंगल शर्मा ने बुधवार को वन व वन्य जीवों से संरक्षण से जुडे मामले की सुनवाई के दौरान दिया। ... Read More
Source: Udaipur Kiran
Dated: Aug 7, 2024
New Delhi/ jaipur, 7 अगस्त (Udaipur Kiran) . State government ने Supreme court को आश्वस्त किया है कि वह साल 2025 तक सरिस्का टाइगर रिजर्व स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर में Passengers की आवाजाही के लिए निजी वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक शटल बसें चलाएगी. जिससे टाइगर के आवास और मंदिर जाने वाले दर्शनार्थियों की भावनाओं के बीच संतुलन बना रहे. वहीं State government बफर जोन में चल रहे Hotel व रिसॉर्ट्स संचालन का भी परीक्षण करेगी और अवैध पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. यह आश्वासन State government के एएजी शिवमंगल शर्मा ने Wednesday को वन व वन्य जीवों से संरक्षण से जुडे मामले की सुनवाई के दौरान दिया. ... Read More
#Delhi: सरिस्का-पांडुपोल पर CEC की रिपोर्ट
— First India News (@1stIndiaNews) August 7, 2024
पांडुपोल में 2025 की शुरुआत में चलेगी इलेक्ट्रिक बस, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को CEC रिपोर्ट के आधार पर सख्ती से निपटने के दिए निर्देश...#RajasthanWithFirstIndia #SupremeCourt pic.twitter.com/PADcyWcBQO
Source:
First India News
Dated: Aug 7, 2024
Source: Patrika
Dated: Aug 3, 2024
सुप्रीम कोर्ट जयपुर बम विस्फोट से जुड़े उन सभी 8 मामलों पर एक साथ सुनवाई करेगा, जिनमें अधीनस्थ अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए व्यक्तियों को दोषमुक्त (बरी) करने के हाईकोर्ट आदेश को चुनौती दी गई है। पांच एफआईआर से संबंधित राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिकाओं पर कोर्ट पहले ही नोटिस जारी कर चुका, अब 3 और मामलों से संबंधित याचिकाओं पर कोर्ट ने नोटिस जारी किए है। ... Read More
Source: ZEE Rajasthan News
Dated: Aug 2, 2024
Source: First India News
Dated: Aug 2, 2024
#Delhi: जयपुर बम ब्लास्ट मामला
— First India News (@1stIndiaNews) August 2, 2024
सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार को मिली बड़ी सफलता, आरोपियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चलेगा केस...#FirstIndiaNews @RajGovOfficial pic.twitter.com/5aQ8WSCE8f
Source:
First India News
Dated: Aug 2, 2024
#Delhi: जयपुर बम ब्लास्ट मामले से जुड़ी बड़ी खबर@nizam_kantaliya @RajGovOfficial #SupremeCourtOfIndia #RajasthanNews #RajasthanWithZee #LatestNews pic.twitter.com/SE4aAzq2vr
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) August 2, 2024
Source:
ZEE Rajasthan
Dated: Aug 2, 2024
Source: अमर उजाला
Dated: Aug 2, 2024
जयपुर बम ब्लास्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार की SLP सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली। अब सुप्रीम कोर्ट SLP पर सुनवाई करेगा। इसके बाद यह तय होगा कि SLP स्वीकार की जाएगी अथवा नहीं। साल 2008 के जयपुर सीरियल बम धमाकों से संबंधित चार महत्वपूर्ण मामलों में विशेष अनुमति याचिकाएं (SLP) सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्वीकार कर ली हैं। ये मामले जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस अरविंद कुमार के समक्ष सूचीबद्ध किए गए हैं। ... Read More
Source: नवभारत टाइम्स
Dated: Aug 2, 2024
जयपुर: राजधानी जयपुर में 2008 के दौरान हुए सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में भजनलाल सरकार को बड़ी सफलता मिली है। मामले की सुनवाई में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका को मंजूर कर लिया है और अब गत दोनों हाई कोर्ट में बरी हुए चारों आरोपियों पर सुप्रीम कोर्ट में केस की सुनवाई होगी। इसको लेकर राजस्थान सरकार ने बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की थी, जिसकी सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है। ... Read More
Source: ETV Bharat
Dated: Aug 2, 2024
जयपुर/दिल्ली. राजधानी जयपुर में साल 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका स्वीकार हो गई है. सुप्रीम कोर्ट अब हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करेगा. राज्य सरकार की ओर से घटना में दर्ज चार एफआईआर में एसएलपी पेश की गई थी, जबकि बम धमाकों को लेकर चार अन्य मामलों में पूर्व में ही विशेष अनुमति याचिकाएं पेश हो चुकी है. ... Read More
Source: Mahanagar Times
Dated: Aug 2, 2024
Jaipur Serial Blast : जयपुर। 13 मई, 2008 की वो शाम को देश आज भी नहीं भूला है। जब राजधानी जयपुर के परकोटा में एक के बाद एक लगातार 8 सिलसिलेवार बम धमाके हुए। इस बम धमाकों में 71 लोगों की जान चली गई थी। बम धमाकों के दोषियों को 20 दिसंबर 2019 को फांसी की सजा दी गई, लेकिन आज भी उनका गला फंदे से दूर है। बम धमाकों में अपनों को खोने वाले आज भी न्याय के इंतजार में हैं। वहीं इस मामले को लेकर राज्य सरकार ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वहीं इस मामले में राज्य सरकार को बड़ी कामयाबी मिली है। ... Read More
Source: Punjab Kesari
Dated: Aug 2, 2024
जयपुर में वर्ष 2008 में हुए सीरियल ब्लास्ट बम धमाकों के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने एसएलपी स्वीकार कर ली है । दरअसल जयपुर में 13 मई 2008 को हुए 8 धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 लोग घायल हो गए थे । इस मामले में एक विशेष अदालत ने दिसंबर 2019 में चार लोगों को दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी । जिसके बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसलों पर रोक लगाते हुए चारों अभियुक्तों को बरी कर दिया था । जिसके बाद राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी । ... Read More
Source: Agnibaan
Dated: Aug 2, 2024
जयपुर बम ब्लास्ट-2008 के मामले में राजस्थान सरकार की ओर से सुनवाई के लिए दायर विशेष अनुमति याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हाईकोर्ट द्वारा आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से यह याचिका पेश की गई थी। सुप्रीम कोर्ट में पैरवी के लिए सरकार ने अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा को विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया था। ... Read More
Source: लाइव हिंदुस्तान
Dated: Aug 2, 2024
राजस्थान की राजधानी जयपुर में साल 2008 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में आरोपियों को राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से बरी करने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका स्वीकार हो गई है। सुप्रीम कोर्ट अब हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करेगा। राज्य सरकार की ओर से घटना में दर्ज चार एफआईआर में एसएलपी पेश की गई थी, जबकि बम धमाकों को लेकर चार अन्य मामलों में पूर्व में ही विशेष अनुमति याचिकाएं पेश हो चुकी है। ... Read More
Source: Rajasthan Chowk
Dated: Aug 2, 2024
राजस्थान सरकार ने इन याचिकाओं को मुख्य अभियुक्तों, जिसमें सैफुर्रहमान अंसारी और शहबाज हुसैन @ शहबाज अहमद शामिल हैं, के खिलाफ दाखिल किया है। ये अभियुक्त 2008 में जयपुर में हुए भयानक घटना के दौरान बम लगाने और उसे अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभा रहे थे। भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने राजस्थान सरकार की ओर से प्रस्तुत हुए। ... Read More
Source: NDTV
Dated: Jul 26, 2024
राजस्थान सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने इस फैसले पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इससे राज्य सरकारों को रॉयल्टी से टैक्स लगाने का अधिकार प्राप्त होकर उन्हें आर्थिक रूप से बढ़ावा मिलेगा. ... Read More
Source: The Print
Dated: Jul 26, 2024
New Delhi: The Supreme Court Thursday, by an 8:1 ruling, upheld the legislative competence of states to levy tax on mining activity within their respective territories, providing clarity on the long-standing issue related to the legal framework governing mining royalties. ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Jul 22, 2024
Jaipur: Division bench of Supreme Court comprising Justices Surya Kanat and Ujjwal Bhuyan on Tuesday allowed state govt-constituted committee investigating Ekal Patta case to continue. Rajasthan’s additional advocate general, Shiv Mangal Sharma, said the committee was solely responsible for bringing true and correct facts before SC, crucial for accurate adjudication. ... Read More
Source: Patrika
Dated: Jul 22, 2024
Rajasthan Phone Tapping Case : भजनलाल सरकार ने फोन टैपिंग प्रकरण में दिल्ली पुलिस के मामला दर्ज करने के खिलाफ अशोक गहलोत शासन में सुप्रीम कोर्ट में केन्द्र सरकार के खिलाफ दावा वापस लेने का निर्णय किया है। इसके जरिए राज्य सरकार ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के पास दर्ज केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की एफआईआर को संरक्षण दिया है। राज्य सरकार ने केन्द्र सरकार और दिल्ली पुलिस के खिलाफ लंबित दावा वापस लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश कर दिया है। ... Read More
Source: नवभारत टाइम्स
Dated: Jul 22, 2024
जयपुर: राज्य सरकार की ओर से चार साल पहले दर्ज कराए गए विधायकों की खरीद फरोख्त वाले केस को भजनलाल सरकार वापस लेने के मूड में है। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में विधानसभा के मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। पहले एसओजी में केस दर्ज कराया गया और बाद में एसीबी में केस ट्रांसफर किया गया। इसी प्रकरण से जुड़ा एक मुकदमा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दिल्ली क्राइम ब्रांच में भी दर्ज कराया गया है। अब भजनलाल सरकार नहीं चाहती कि यह मामला लंबा खिंचता रहे। हालांकि केंद्रीय मंत्री की ओर से दर्ज मुकदमा मानहानि से संबंधित है। यह मुकदमा उन्हीं की मर्जी पर चलता रहेगा। ... Read More
Source: The Print
Dated: Jul 22, 2024
New Delhi: The Bhajanlal Sharma government in Rajasthan has decided to withdraw a suit filed in the Supreme Court by the previous Ashok Gehlot government in which the latter had questioned the Delhi Police’s jurisdiction to investigate the alleged phone-tapping incident involving Union minister Gajendra Singh Shekhawat. ... Read More
Source: : First India News
Dated: Jul 22, 2024
दिल्ली : फोन टैपिंग मामला,केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को प्रकरण में बड़ी राहत,सुप्रीम कोर्ट में मामले की जांच को लेकर दायर याचिका राजस्थान सरकार ने ली वापस,अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा के द्वारा दिए गए सुझाव के बाद सरकार ने ... Read More
Source: The Times of India
Dated: Jul 22, 2024
Jaipur: The state govt on Sunday filed an application in Supreme Court of India to withdraw the suit filed by the previous Ashok Gehlot-led Congress govt against the Union govt in relation to the phone tapping case involving Gajendra Singh Shekhawat, the then Union Jal Shakti minister. Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma filed the online application stating that there is no merit in the suit and recommended its withdrawal ... Read More
Source: News18
Dated: Jul 21, 2024
Bhajan Lal Sharma Govt: शिव मंगल शर्मा ने राजस्थान सरकार को सलाह दी कि उन्होंने मुकदमा वापस लेने का निर्णय लिया है. आवेदन में माननीय न्यायालय से मूल मुकदमे को वापस लेने की अनुमति मांगी गई है. ... Read More
Source: लाइव हिंदुस्तान
Dated: Jul 22, 2024
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार के खिलाफ मुकदमा वापस ले लिया है। गजेंद्र सिंह शेखावत फोन टैपिंग मामले में मुकदमा वापस लिया है।सुप्रीम कोर्ट में मामले की जांच को लेकर दायर याचिका राजस्थान सरकार ने वापस ली। अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने आवेदन दायर किया। ... Read More
Source: अमर उजाला
Dated: Jul 22, 2024
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए फोन टैपिंग मामले में केंद्र सरकार के खिलाफ दायर मुकदमा वापस लेने का फैसला लिया है। राज्य सरकार की ओर से एएजी शिवमंगल शर्मा ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में केस वापस लेने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया है। ... Read More
Source:
Zee Rajasthan
Dated: Jul 21, 2024
Source: NDTV
Dated: Jul 22, 2024
राजस्थान के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिव मंगल शर्मा ने अब एक आवेदन दायर कर कहा है कि इस मुकदमे में अब कोई दम नहीं है. इसे वापस लेने की सिफारिश की है. उन्होंने ये भी कहा है कि दलीलों, अभिलेखों और मामले के समग्र तथ्यों सहित, परिस्थितियों की जांच करने के बाद, मुकदमा कायम नहीं रह पाता और इसे आगे बढ़ाने से कोई प्रभावी उद्देश्य पूरा नहीं होगा. इसलिए न्याय के हित में और माननीय न्यायालय का बहुमूल्य समय बचाने के लिए राज्य सरकार ने मुकदमा वापस लेने का निर्णय लिया है. ... Read More
Source: AajTak
Dated: Jul 22, 2024
कांग्रेस की पिछली गहलोत सरकार ने तर्क दिया था कि दिल्ली पुलिस के पास क्षेत्राधिकार नहीं है और केवल राजस्थान पुलिस को इस एफआईआर की जांच करनी चाहिए, और दिल्ली में कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की थी. ... Read More
Source: News18
Dated: Jul 16, 2024
जयपुर: मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने के मामले में राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल की है और अनुरोध किया है कि उसकी भी बात सुनी जाए. मंगलवार को इस मामले की सुनवाई होनी है. ऐसे में राजस्थान सरकार इस मामले में खुद को एक पक्षकार बनाना चाहती है. हालांकि ये सुप्रीम कोर्ट को तय करना है कि पत्नी से जबरन शारीरिक संबंध बनाना अपराध है या नहीं. है. ... Read More
Source: NDTV
Dated: Jul 16, 2024
Marital Rape: मैरिटल रेप यानी वैवाहिक बलात्कार को अपराध के दायरे में लाने के लिए राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है. इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार ( Rajasthan government )ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर कर अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार को आज यानी मंगलवार को सुनवाई के लिए समय दिया है. ... Read More
Source: NDTV
Dated: Jul 15, 2024
Marital Rape Issue: राजस्थान राज्य के एडिशनल एडवोकेट जनरल शिव मंगल शर्मा ने 1860 के भारतीय दंड संहिता की धारा 375 के तहत वैवाहिक बलात्कार(Marital Rape) अपवाद की संवैधानिकता के संबंध में सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है. Read More
Source: NDTV
Dated: Jul 15, 2024
नई दिल्ली: राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मैरिटल रेप को अपराध के दायरे में लाने के मामले में हस्तक्षेप अर्जी दाखिल कर कहा कि उसकी बात भी सुनी जाए. राजस्थान सरकार की ओर से दाखिल अर्जी में कहा गया है कि ये मामला महिलाओं के अधिकारों और आपराधिक न्याय प्रणाली पर गहरे प्रभाव को उजागर करता है. इस पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नागरिकों, विशेष रूप से महिलाओं के लिए प्रभावी होगा. ... Read More
#Delhi : दिल्ली वैवाहिक बलात्कार अपवाद मामले में राजस्थान सरकार ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) July 15, 2024
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सरकार ने हस्तक्षेप का किया अनुरोध, राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने दायर की याचिका, याचिका में कहा गया इस मामले का परिणाम, पूरे देश को करेगा… pic.twitter.com/NX8kHt32U8
Source:
ZEE Rajasthan
Dated: Jul 15, 2024
Source: The Times of India
Dated: Jul 16, 2024
Jaipur: Rajasthan filed a spe cial leave petition in Supreme Court Monday, asking to be made party to a a case e pert ertai- ning to the constitutional va lidity of marital rape being treated as an exception under Section 375 of the IPC. ... Read More
#Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान, यूपी, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली के मुख्य सचिवों को दिया आदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया तेज करने का आदेश
— ZEE Rajasthan (@zeerajasthan_) July 10, 2024
सभी मुख्य सचिवों को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल कर अपने-अपने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्त पदों को…
Source:
ZEE Rajasthan
Dated: Jul 10, 2024
Source: The Times of India
Dated: Jun 20, 2024
Additional Advocate General Shiv Mangal Sharma, representing Rajasthan, confirmed that the state currently does not have specific laws governing religious conversions. He affirmed the state’s adherence to existing guidelines. ... Read More
Source: दैनिक भास्कर
Dated: Jun 20, 2024
राजस्थान राज्य सरकार ने धर्मांतरण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि मौजूदा समय में उसके पास धर्म परिवर्तन के संबंध में कोई विशेष कानून नहीं है और नया कानून बनाने की योजना है। राज्य सरकार के एएजी शिवमंगल शर्मा ने बताया कि हलफनामे में कहा है कि प्रदेश में फिलहाल एक धर्म से दूसरे धर्म में धर्म परिवर्तन के संबंध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है। ाएंगै। ... Read More
Source: Hindustan Hindi News
Dated: Jun 20, 2024
राजस्थान में भजनलाल सरकार ने धर्मांतरण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा है कि मौजूदा समय में उसके पास धर्म परिवर्तन के संबंध में कोई विशेष कानून नहीं है। नया कानून लाएंगै। ... Read More
Source: अमर उजाला
Dated: Jun 20, 2024
राजस्थान की भजनलाल सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर धर्म परिवर्तन पर नया कानून लाने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में अब तक एक धर्म से दूसरे धर्म में परिवर्तन के संबंध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है। ... Read More
Source: The Free Press Journal
Dated: Jun 20, 2024
The state government, through an affidavit filed two days ago, has informed the Supreme Court regarding this. The government has said that it currently lacks specific legislation addressing the issue of religious conversions but in the process to bring a new legislation. ... Read More
#Delhi: जर्मन महिला से दुष्कर्म के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं
— First India News (@1stIndiaNews) May 31, 2024
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की आरोपी बीटी मोहंती की समय से पहले रिहाई वाली याचिका, सरकार की तरफ से अतिरिक्त...#SupremeCourt #FirstIndiaNews pic.twitter.com/QCjlcY1krY
Source:
First India News
Dated: May 31, 2024
Source: Linkedin
Dated: May 29, 2024
We extend our heartfelt thanks to Mr. Shiv Mangal Sharma Sir, Additional Advocate General of Rajasthan for graciously accepting our request to join the National Advisory Board of our organization. Your expertise and dedication to the field will undoubtedly enrich our organization's endeavors in promoting awareness. ... Read More
Source: The Print
Dated: May 29, 2024
New Delhi: Taking into account the acute water shortage in Rajasthan, the Supreme Court last week permitted the dredging and desilting of sediments in the Bisalpur dam, barred by the National Green Tribunal (NGT) last year on the ground that the activity needed environmental clearance. ... Read More
Source: First India News
Dated: May 24, 2024
#BreakingNews|CR| राजस्थान के टोंक जिले में प्रोजेक्ट पर रोक का मामला
— Bharat 24 - Vision Of New India (@Bharat24Liv) May 24, 2024
बीसलपुर बांध से बजरी-गाद निकालने के प्रोजेक्ट पर रोक का मामला
राजस्थान सरकार और राजस्थान ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को SC से बड़ी राहत
प्रोजेक्ट पर रोक के NGT के आदेश पर SC ने लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने सेलिंग… pic.twitter.com/CPLhqEk6V6
Source:
Bharat 24
Dated: May 24, 2024
CM Bhajanlal Sharma से अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने की मुलाकात | Delhi News #FINVideo #BhajanlalSharma #Delhi #FirstIndiaNews @BhajanlalBjp @RajCMO pic.twitter.com/QkVVnofssW
— First India News (@1stIndiaNews) May 24, 2024
Source: First India News
Dated: May 24, 2024
Source: Rajasthan Chowk
Dated: May 24, 2024
चौक टीम, जयपुर। पर्यावरणीय मंजूरी लिए बिना ही टोंक जिले के बीसलपुर बांध से बीस सालों के लिए बजरी निकालने का काम एक परियोजना प्रस्तावक को देने के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने राज्य सरकार को झटका दिया था। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार और ERCP प्रोजेक्ट को बड़ी राहत देते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश पर रोक लगा दी है। . ... Read More